सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के.वी विश्वनाथन ने विमान में पेशाब कांड की सुनवाई के दौरान अपनी आपबीती सुनाई है. ये कहानी 15 सितंबर 2024 की रात थी और तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक विमान ने यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए उड़ान भरी. इस विमान में सुप्रीम कोर्ट के दो जज भी बैठे थे. विमान अभी हवा में था और उड़ान भरे आधा घंटा हो चुका था. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस के वी विश्वनाथन सबसे आगे की लाइन में बैठे थे. तभी अचानक ड्रामा शुरु हुआ.
विमान के टॉयलेट में एक यात्री गया तो करीब आधे घंटे से बाहर नहीं आया. ये सब चल ही रहा था कि अचानक एक अन्य यात्री टॉयलेट जाने के लिए पहुंचा. लेकिन अचानक उल्टियां करने लगा. उसके साथ विमान में रखी उल्टी के लिए थैली भी थी. ये सब देखकर बाकी यात्री भी परेशान हो उठे. विमान की महिला क्रू बार-बार टॉयलेट का दरवाजा खटखटा रही थीं. लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आ रही थी. क्रू के पास मास्टर की थी. लेकिन वो भीतर पुरुष यात्री होने के चलते टॉयलेट खोल नहीं पा रही थीं.
इसके बाद क्रू ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वो मास्टर चाबी से टॉयलेट खोलें और एक यात्री ने टॉयलेट खोला. शराब के नशे धुत यात्री टॉयलेट में बेसुध पड़ा था और सो रहा था. फिर उसको किसी तरह बाहर निकालकर सीट पर लाया गया. उल्टी करने वाला यात्री भी शराब पिए हुए था.
सूत्रों के मुताबिक अंतर्राज्यीय रूट पर विमान में इस तरह की घटना को देखकर दोनों जज भी परेशान और हैरान थे. चूंकि ये रविवार की रात थी और अगले दिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करनी थी. इसलिए दोनों जज अलग-अलग सीटों पर बैठे थे. सुप्रीम कोर्ट के उच्च पदस्थ सूत्रों ने NDTV को बताया कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विश्वनाथन कोयंबटूर में अपने साथी जज के बेटे की शादी में शिरकत करने पहुंचे थे. रविवार की रात वो दिल्ली वापस लौट रहे थे. दोनों को सोमवार को बहुत सारे मामलों की सुनवाई करनी थी. इसलिए उन्होंने तय किया कि वो अलग-अलग सीटों पर रहेंगे और दिल्ली तक पहुंचने में तीन घंटे का वक्त लगेगा. ऐसे में वो अपने आईपैड पर सोमवार को लगने वाले मामलों की केस फाइलें पढ़ेंगे.
सूत्रों ने बताया कि करीब आधे घंटे तक हवा में ये ड्रामा चलता रहा और उस दौरान दोनों जज डिस्टर्ब रहे और वो केस फाइल नहीं पढ़ पाए. गौरतलब है कि मंगलवार को एयर इंडिया पेशाब केस में सुनवाई करते हुए जस्टिस विश्वनाथन ने इस घटना का जिक्र किया और कहा कि इस मामले में कुछ रचनात्मक करना होगा.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने ASG ऐश्वर्या भाटी ने अधिकारियों को विमान में अनियंत्रित यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप प्रबंधित करने के लिए गाइडलाइन की जांच करने का निर्देश देने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट 8 हफ्ते बाद मामले की सुनवाई करेगा.