Google ने भारतीय डेवलपर्स को दी बड़ी खुशखबरी, अब मुफ्त मिलेंगी मैप्स, रूट्स सहित ये सुविधाएं
गूगल ने भारतीय डेवलपर्स के लिए अपने मैप्स प्लेटफॉर्म पर बड़ा बदलाव किया है. अब डेवलपर्स को मैप्स, रूट्स और अन्य कई सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त में मिलेंगी. जिसमें रूट्स, स्थान और एनवायरनमेंट एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट (एसडीके) का फ्री एक्सेस शामिल है.पहले डेवलपर्स को इन सुविधाओं के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे. अब उन्हें बहुत कम या बिल्कुल भी पैसे नहीं देने होंगे.
डेवलपर्स अब बिना किसी लागत के गूगल मैप्स की डायनामिक स्ट्रीट व्यू जैसी सभी खूबियों का इस्तेमाल कर पाएंगे. इससे वे और बेहतर ऐप्स बना सकेंगे.इसके साथ ही डेवलपर्स को अब गूगल मैप्स को अपने ऐप में जोड़ने के लिए बहुत कम मेहनत करनी होगी.
क्यों किया गया ये बदलाव?
गूगल चाहता है कि भारत में और ज्यादा डेवलपर्स उसके मैप्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें. इसलिए उसने इन सुविधाओं को मुफ्त में देने का फैसला किया है.1 मार्च, 2025 से डेवलपर्स को हर महीने कुछ निश्चित सीमा तक मैप्स, रूट्स और अन्य सुविधाएं मुफ्त में मिलेंगी.
क्या है इसका मतलब?
इस सुविधा से डेवलपर्स को बेहतर समाधान बनाने और बिना किसी लागत के गूगल एपीआई और एसडीके के साथ प्रयोग करने की सुविधा मिलेगी. डेवलपर्स को केवल तभी भुगतान करना होगा जब वे फ्री उपयोग की लिमिट पार कर लेंगे.गूगल मैप्स प्लैटफॉर्म का भारत में उपयोग डिलीवरी से लेकर ट्रैवल ऐप बनाने में किया जाता है.
गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म के प्रोडक्ट मैनेजमेंट के वरिष्ठ निदेशक टीना वेयंड ने कहा, “भारत में इसका मतलब यह है कि आज हम जो 200 डॉलर का मासिक क्रेडिट प्रदान करते हैं, उसके स्थान पर डेवलपर्स जल्द ही हर महीने 6,800 डॉलर तक की वैल्यू की मुफ्त सेवाओं का उपयोग कर पाएंगे.” वेयंड ने कहा, “भारत में हमारी कवरेज 70 लाख किलोमीटर से ज्यादा की सड़कों, 30 करोड़ इमारतों और 3.5 करोड़ व्यवसायों और स्थानों तक फैली हुई है.”
टेक दिग्गज की ओर से कहा गया कि गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म ने हाल ही में भारत में विशिष्ट मूल्य निर्धारण की शुरुआत की है. इसमें अधिकांश एपीआई पर 70 प्रतिशत तक कम मूल्य निर्धारण और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ सहयोग शामिल है, जो डेवलपर्स को चुनिंदा गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म एपीआई पर 90 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करता है.
क्या होगा फायदा?
कंपनी ने कहा कि इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कई डेवलपर्स के बिलों में आधे से भी अधिक की कमी आई है और छोटे डेवलपर्स के बिलों में तो और भी बड़ी कमी आई है.