अजमेर शरीफ दरगाह, भोजशाला, संभल जामा मस्जिद, मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-मस्जिद और ज्ञानवापी समेत देशभर में दाखिल मुकदमों की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट मे एक याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका केंद्र सरकार, यूपी, समेत पांच राज्यों को याचिका में पक्षकार बनाया गया है.
याचिकाकर्ताओं कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा और प्रिया मिश्रा की ओर के वकील नरेंद्र मिश्रा ने बताया गया कि इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट से करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में प्लेस ऑफ वरशिप एक्ट 91 का पालन किए जाने का निर्देश देने और राज्यों को अदालतों द्वारा दिए गए सर्वे के आदेशों का प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट के उल्लंघन का हवाला देते हुए उनका पालन न करने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है.
इस याचिका में कहा गया कि देशभर में इलहाबाद हाईकोर्ट के 19 दिसंबर, 2023 के आदेश के बाद से धार्मिक स्थलों के चरित्र का पता लगाने को लेकर विभिन्न सिविल कोर्ट में दाखिल मामलों से माहौल खराब हो रहा है.
संभल मस्जिद विवाद क्या है?
बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल स्थित मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे शुरू हुआ था. इस दौरान लोगों ने जमकर पथराव किया था. दरअसल, हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है. इसी को लेकर रविवार सुबह साढ़े सात बजे से सर्वे का काम किया जा रहा था. हिंदू पक्ष की ओर से जामा मस्जिद को अदालत में हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे.
शाही-ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद वर्षों पुराना
श्रीकृष्ण जन्म भूमि और शाही-ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद वर्षों पुराना है. हिन्दू पक्ष लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि यह जगह श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है. कोर्ट में हिन्दू पक्ष की ओर से 18 याचिकाएं दायर की गई हैं. हिन्दू पक्ष की याचिकाओं पर मुस्लिम पक्ष ने रोक लगाने के लिए प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला दिया था.