झांसी मेडिकल कॉलेज में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, 10 बच्चों की मौत; परिजनों ने बताई पूरी बात
उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई. घटना में 10 बच्चों की मौत की खबर है. जानकारी के मुताबिक, कॉलेज के एसएनसीयू (शिशु वार्ड) में रात 8.30 बजे आग लगी. बताया जा रहा है कि 10 बच्चों की मौत हो गई है और कई घायल हैं. अब तक 40 बच्चों को बचाया भी गया है.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने बताया, “एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई, आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरे में अत्यधिक ऑक्सीजन थी, इसलिए आग तेजी से फैल गई… कई बच्चों को बचा लिया गया. 10 बच्चों की मौत हो गई… घायल बच्चों का इलाज चल रहा है.”
#WATCH | Sachin Mahor, Chief Medical Superintendent says, ” There were 54 babies admitted in the NICU ward. Suddenly a fire broke out inside Oxygen concentrator, efforts to douse the fire were done but since the room was highly oxygenated, fire spread quickly…many babies were… https://t.co/Ki57EngJTf pic.twitter.com/HwqjpgbcGU
— ANI (@ANI) November 15, 2024
मौके पर फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां पहुंच चुकी हैं और पुलिस की टीम मौजूद है. आला प्रशासनिक अधिकारी भी वहां पहुंच गए हैं. जानकारी के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है. फिलहाल इस मामले की जांच जारी है.
#WATCH | Uttar Pradesh: A massive fire broke out at the Neonatal intensive care unit (NICU) of Jhansi Medical College. Many children feared dead. Rescue operations underway. More details awaited.
(Visuals from outside Jhansi Medical College) pic.twitter.com/e8uiivyPk3
— ANI (@ANI) November 15, 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है.
जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 15, 2024
उन्होंने कमिश्नर और डीआईजी को हादसे की जांच कर 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है. झांसी के कमिश्नर ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है, जिसमें 10 बच्चों की मौत हुई है. फिलहाल मामले की जांच जारी है. उन्होंने कहा कि गंभी रूप से घायल बच्चों को अस्पताल ले जाया गया है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.
परिजनों ने बताई पूरी बात
- प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों ने मेडिकल कॉलेज में हुए दिल दहला देने वाले हादसे का मंजर बयां किया है. एक पीड़ित पिता ने कहा, साहब, मेरा बच्चा जला है. मेरा नाम प्रदीप है. मेरी पत्नी का नाम नीलू है. वार्ड में लगी आग में मेरा बच्चा जल गया है.
- एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, मेरा भी बच्चा दो दिन से वहां भर्ती है. आग इतनी भीषण थी कि वार्ड के अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई. कोई भी अंदर नहीं जा सका. डॉक्टर भी बाहर थे. वार्ड में करीब 50 बच्चे भर्ती थे. खिड़की तोड़े जाने के बाद बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया गया.
- एक अन्य परिजन ने कहा है कि बच्चों को बाहर निकालना बहुत ही मुश्किल है. आग इतनी भयंकर थी कि वहां रह पाना मुश्किल था.
मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में आग लग गई, जिससे उसके गलियारे में धुआं भर गया. घटना के वीडियो में दिखा है कि बचाव और राहत कार्यों में मदद के लिए दमकल कर्मियों ने कुछ कांच की खिड़कियां तोड़ दीं. मेडिकल कॉलेज से कथित तौर पर सामने आए दृश्यों में मरीज और उनके तीमारदार घबराए हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए हादसे के मद्देनजर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सकों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं.
बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी रवाना हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. झांसी के जिलाधिकारी ने कहा है कि हादसे के कारणों की जांच के लिए एक समिति गठित की गयी है.