उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मऊ जिले में एक सांसद को सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर से ड्यूटी पर आने का समय पूछना भारी पड़ गया. देरी से पहुंचे डॉक्टर साहब अपनी गलती मानने की बजाय सांसद से ही भिड़ गए. इस दौरान दोनों की जमकर बहस हुई और डॉक्टर ने सांसद को अपनी इंफोर्मेशन दुरुस्त करने की नसीहत दे दी. नाराज डॉक्टर यहीं नहीं रुके, उन्होंने सांसद से कहा कि नेतागिरी बाहर जाकर करो.
यह घटना उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की है. घोसी के सांसद राजीव राय जिला चिकित्सालय में मिल रही शिकायतों के बाद औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. उनके साथ जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धनंजय कुमार सिंह भी थे. सांसद ने अस्पताल का निरीक्षण किया और चिकित्सकों से भी मिले. इसी दौरान दोपहर करीब 12.50 पर नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ त्रिपाठी के कमरे में पहुंचे. त्रिपाठी उसी वक्त अपने रूम में पहुंचे थे.
सांसद को दिया ये जवाब
सांसद ने डॉ. सौरभ त्रिपाठी से ड्यूटी पर आने का समय पूछा तो उन्होंने सुबह 8 बजे का वक्त बताया. इस पर सांसद राजीव राय ने इतनी देर से ड्यूटी पर आने का कारण पूछा और कहा कि सौ से ज्यादा लोग इलाज के लिए खड़े हैं, आपने इनमें से कितने मरीजों को देखा? यह कैसे पता चलेगा? सांसद के यह पूछने से डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी सांसद से ही भिड़ गए. सांसद के सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि अपनी इंफोर्मेशन दुरूस्त करो. साथ ही उन्होंने कहा कि यह नेतागिरी जाकर बाहर करो.
अस्पताल में मिली कई लापरवाही
इसके बाद दोनों के बीच काफी देर तक बहस होती रही. सांसद राजीव राय ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय में बहुत सारी लापरवाहियां देखने को मिली, जिसमें चिकित्सा लापता थे और उनके कक्ष में दलाल बैठे हुए थे. उन्होंने कहा कि मैं डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखूंगा.
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धनंजय सिंह ने कहा कि वह इस मामले में कोई कमेंट नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सांसद ने बता दिया है, जैसा होगा नोटिस की कार्रवाई की जाएगी.
डॉक्टर के खिलाफ दर्ज है मामला
वहीं डॉ. सौरभ त्रिपाठी के कक्ष के बाहर मिली एक महिला मरीज ने बताया कि डॉक्टर सुबह 11 बजे तक अपने कक्ष में नहीं थे.
डॉ. सौरभ त्रिपाठी के खिलाफ यह कोई पहला मामला नहीं है. उनके खिलाफ जिले के सरायलखंशी थाने में लोगों से बदतमीजी करने के कारण मुकदमा दर्ज कराया गया है.
सांसद के औचक निरीक्षण में जिला चिकित्सालय के चार डाक्टर अनुपस्थित पाए गए. साथ ही कई दलादों को चिह्नित किया गया है.