क्या इस साल के अंत तक अंतरिक्ष से लौट पाएंगी सुनीता विलियम्स? जानिए किस बीमारी का खतरा
Sunita Williams Space Mission: नासा ने अब पुष्टि की है कि सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर कम से कम 2025 की शुरुआत तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहेंगे और बोइंग के स्टारलाइनर के बजाय स्पेसएक्स ड्रैगन का उपयोग करके पृथ्वी पर वापस आएंगे. दोनों अंतरिक्ष यात्री स्टारलाइनर के क्रू फ्लाइट टेस्ट के हिस्से के रूप में ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) गए थे और जल्द ही अंतरिक्ष स्टेशन के फुल-टाइम क्रू के मेंबर बन जाएंगे. हालांकि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को फुल टाइम क्रू के मेंबर बनने के लिए ट्रेंड किया गया है, लेकिन अंतरिक्ष स्टेशन पर लंबे समय तक रहने से कुछ हेल्थ रिलेटेड रिस्क हो सकती हैं, मुख्य रूप से माइक्रोग्रैविटी के कारण. ऐसी ही एक समस्या स्पेस एनीमिया है.
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क्या होता है स्पेस एनीमिया?
इस बीमारी में मानव शरीर पृथ्वी की तुलना में रेड ब्लड सेल्स को तेजी से नष्ट करता है, जो प्रति सेकंड दो मिलियन से बढ़कर तीन मिलियन प्रति सेकंड हो जाती है. 2022 में नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित, हेमोलिसिस कॉन्ट्रिब्यूट्स टू एनीमिया ड्यूरिंग लॉन्ग-ड्यूरेशन स्पेस फ्लाइट नामक एक शोध पत्र के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रियों में अंतरिक्ष एनीमिया “हीमोग्लोबिन डिकेसी लेवल की बढ़ी हुई मात्रा, वायुकोशीय वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड और सीरम में आयरन” का कारण बन सकता है.
कैसे किया गया अध्ययन?
यह अध्ययन 14 अंतरिक्ष यात्रियों पर उनके छह महीने के मिशन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किया गया था, जो दर्शाता है कि अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के संपर्क में आने से “हेमोलिसिस, रेटिकुलोसाइटोसिस और हीमोग्लोबिन लेवल में बढ़ोत्तरी होती है.”
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स्टडी में क्या कहा गया?
अध्ययन में आगे बताया गया है कि अंतरिक्ष में पहले 10 दिनों के भीतर, “रेड ब्लड सेल्स (RBC)” की संख्या में “10-12 प्रतिशत की कमी होगी और 10 दिनों के बाद यह संख्या पृथ्वी के समान लेवल पर वापस आ जाएगी. अंतरिक्ष एनीमिया “अंतरिक्ष यात्री ऑर्थोस्टेटिज्म, व्यायाम सहनशीलता और थकान” जैसे कार्यों को प्रभावित कर सकता है.
एक बार जब वे पृथ्वी पर वापस आएंगे, तो अंतरिक्ष एनीमिया का इन अंतरिक्ष यात्रियों पर एक अलग प्रभाव पड़ेगा, जिसमें रेड ब्लड सेल्स के विनाश में और वृद्धि शामिल है. माइक्रोग्रैविटी के लंबे समय तक संपर्क के अन्य प्रभावों में बोन डेंसिटी में कमी और विजन प्रोब्लम्स शामिल है. शरीर की शारीरिक स्थिति के आधार पर, अंतरिक्ष यात्रियों को इन जटिलताओं से उबरने में महीनों लग सकते हैं.