Parenting Tips: बच्चों को कैसे सिखाएं गुड टच-बैड टच, जानें ये क्यों है जरूरी
Parenting Tips : दुनिया में खराब सोच वालों की कमी नहीं है, इसलिए अच्छा है कि हम अपने बच्चों (kids) को अच्छे-बुरे का फर्क बताएं. ज्यादातर छोटे बच्चों को गुड टच और बैड टच (Good Touch Bad Touch) की जानकारी नहीं होती है. जिसका फायदा बुरी सोच वाले उठा सकते हैं. साइकोलोजिस्ट्स के मुताबिक, हम बच्चों को जितनी जल्दी अपने शरीर का सम्मान करना सिखाएंगे, उतना ही उनके लिए अच्छा होगा. पिछले दिनों की ही बात है, जब पुणे के एक स्कूल में छोटी बच्चियों को बैड टच और गुड टच के बारें में बताया जा रहा था, तभी 11 साल की बच्ची ने काउंसलर को बताया कि उसके साथ ऐसा हो चुका है लेकिन इससे पहले उसे इसकी जानकारी नहीं थी. एक्सपर्ट्स इसे गलत मानते हैं. उनका कहना है कि बच्चों को इसकी जानकारी देना परिवार के बड़ों, पैरेंट्स या टीचर की जिम्मेदारी बनती है.
गुड टच-बैड टच बच्चों को सिखाएं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह बच्चों के साथ यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे उन्हें सावधान करने और बचाने की जरूरत है. बच्चों को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि कोई भी डॉक्टर उनसे गार्जियंस के सामने ही उनके शरीर की जांच कर सकते हैं. बच्चों को लेकर हर माता-पिता को ज्यादा सावधान होने की जरुरत है. इन बातों के जानने के बाद बच्चों में जेंडर गैप भी कम होता है.
बच्चों को कैसे दें गुड टच-बैड टच की जानकारी
1. कम उम्र में ही बच्चों को बॉडी पार्ट्स के बारे में बताएं.
2. उन्हें बताएं अगर उन्हें किसी का किस करना, हग करना और पीठ पर हाथ लगाना पसंद न हो तो साफ मना कर दें.
3. बच्चों को प्राइवेट पार्ट्स के बारे में भी बताएं और यह भी सिखाएं कि उन्हें ढककर रखना क्यों जरूरी है.
4. बच्चों को मेल और फिमेल बॉडी का अंतर भी समझाएं.
5. उन्हें बताएं कि बॉडी का कोई पार्ट डर्टी नहीं होता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.