इंडिया इन फ्यूचर टेंस: 2047 के लिए नई डिक्शनरी में शामिल किए गए ये 47 शब्द
‘ब्लू कार्बन’, ‘कल्चरनॉमिक्स’, ‘डिजिटल नोमैड’, ’15-मिनट सिटी’ और ‘फ्लॉक्स’ उन 47 शब्दों में शामिल हैं, जिन्हें एक नए शब्दकोश में शामिल किया गया है. इसका शीर्षक है “इंडिया इन फ्यूचर टेंस : 47 वर्ड्स फॉर 2047” (India in Future Tense: 47 Words for 2047). यह शब्दकोश उन प्रमुख ट्रेंड्स की पहचान करता है, जो 2047 में भारत के 100 साल पूरे होने पर प्रभावी होंगे. इसका उद्देश्य उन मूल्यों को दर्शाना है, जो देश की यात्रा को परिभाषित करेंगे “समावेशिता, स्थिरता और तकनीकी प्रगति”. इसे संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन और द काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वाटर द्वारा तैयार किया गया है.
इस शब्दकोश के विवरण के मुताबिक, “इसे 2047 तक एक टिकाऊ और समृद्ध भारत को आकार देने के लिए जरूरी ज्ञान और भाषा के साथ युवा दिमाग को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, हम जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं, हमारे रहने के माहौल और विकसित हो रहे शब्दों का वर्णन करने के लिए नई संज्ञाएं, क्रियाएं और वाक्यांश आवश्यक होंगे.” यह ‘नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलो’ की पहल का एक हिस्सा है.
जानिए कुछ प्रमुख शब्दों के अर्थ
शब्दकोशा में शामिल नए शब्दों में से ‘ब्लू कार्बन’ वह कार्बन है, जो वायुमंडल से अवशोषित होता है और समुद्र में संग्रहित होता है. ‘कल्चरनॉमिक्स’ संस्कृति और अर्थशास्त्र को दर्शाता है, जो मनोरंजन, भोजन और खेल जैसे मनोरंजन के विभिन्न माध्यमों से संस्कृति के ग्लोबल ट्रांसमिशन को बताता है.
इसी तरह से ‘डिजिटल नोमैड’ वह व्यक्ति है जो खानाबदोश जीवन शैली अपनाते हुए दूरदराज के इलाकों से काम करने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करता है. वहीं ’15 मिनट सिटी’ शहर में कहीं भी रहने वाले लोगों के लिए महज 15 मिनट के दायरे में सभी जरूरी सेवाओं को प्रदान करने के लिए है तो ‘फ्लॉक्स’ ‘ का अर्थ दूर-दराज के श्रमिकों के लिए डिजाइन बहुमुखी, ऑन-डिमांड शेयर्ड लिविंग स्पेस है, जो अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है. साथ ही जो बेहतरी और दक्षता को बढ़ाता है.
शब्दकोश में इन शब्दों को मिला स्थान
इसके साथ ही शब्दकोश में उल्लिखित शब्दों में ‘गेमिफिकेशन’, ‘जेंडर बॉन्ड्स’, ‘हेरिटेज हब’, ‘जुगाड़’, ‘लांगेविटी इकोनॉमी’, ‘न्यूरोक्यूर’, ‘ऑस्मोटिक एनर्जी’, ‘प्लास्टिवोर’ और ‘रोबोकेयर’ शामिल हैं.
इसमें बताया गया है कि “यह शब्दकोश तकनीकी शब्दजाल और व्यावहारिक समझ के बीच के अंतर को पाटकर जटिल कांसेप्ट को कल के नेताओं के लिए सुलभ और कार्रवाई योग्य बनाता है. हमारा मानना है कि ‘भविष्य की भविष्यवाणी करने का एकमात्र तरीका इसे आकार देना है’.”