क्या भारत की तरक्की से सुगलती विदेशी ताकतों का हथियार है OCCRP?
ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को संसद में बड़ा खुलासा किया. सांसद ने बताया कि फ्रेंच अखबार मीडिया पार्ट ने 2 दिसंबर को एक खोजी आर्टिकल में संगठन की पोल खोली है. आइए जानते हैं कि यह OCCRP क्या है और इसके ऊपर क्यों भारत के खिलाफ साजिश करने के लग रहे हैं आरोप.
- आर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट के तौर पर इसे जाना जाता है.
- संगठन दावा करता है कि दुनिया भर में उसके पास पत्रकारों का नेटवर्क है.
- संगठन अपने पत्रकारों के जरिए संगठित अपराध और करप्शन पर खोजी रिपोर्टिंग का दंभ भरता है.
- OCCRP खुद को स्वतंत्र संगठन बताता है, लेकिन वह चलता कैसे है, इसको लेकर बड़ा झोल है.
- अमेरिकी सरकार से उसे भारी फंड मिलता है. अब इसको लेकर वह सवालों के घेरे में है.
- फ्रेंच अखबार मीडिया पार्ट ने 2 दिसंबर को एक खोजी आर्टिकल में संगठन की पोल खोली है.
- इस आर्टिकल में OCCRP के बारे में कहा गया है कि उसके और अमेरिकी एजेंसियों के बीच गुप्त संबंध हैं.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि खुद को स्वतंत्र संगठन बताने वाला OCCRP के नीति नियंता अमेरिकी एजेंसियों के इशारे पर चलते हैं.
- फ्रांसीसी अखबार ने खुलासा किया कि अमेरिकी सरकार ने OCCRP को ‘वेनेजुएला में भ्रष्टाचार का खुलासा करने और उससे लड़ने’ के लिए 1,73,324 डॉलर दिए. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की अमेरिकी सरकार से दुश्मनी जगजाहिर है.
जॉर्ज सोरोस का कनेक्शन क्या है?
- मीडिया पार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक OCCRP की फंडिंग का बड़ा हिस्सा ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से आता है.
- ओपन सोसाइटी फाउंडेशन जॉर्ज सोरोस का है. ऐसे में OCCRP को करीब 70 पर्सेंट फंड सोरोस से आता है.
- अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस अपनी भारत और मोदी विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं.