Income Tax Rules: बच्चे की कमाई पर कौन करेगा टैक्स की भरपाई? जानिए क्या है नियम
आजकल यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम के दौर बच्चे भी लाखों में कमा रहे हैं. वैसे हमारे देश में बच्चों से काम कराना यानी बाल मजदूरी (Child Labor) कराने को गैर कानूनी माना जाता है. लेकिन ये तरीके बाल मजदूरी में नहीं आते. बच्चे आजकल इन तरीकों से अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं. जैसे किसी बालिग से उसकी कमाई के मुताबिक टैक्स वसूला जाता है. क्या बच्चों की कमाई पर भी इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक कोई टैक्स लायबिलिटी बनती है? चलिए जानते हैं कि बच्चों की कमाई पर टैक्स का क्या नियम है.
बच्चों की इनकम दो तरह की होती है (Children have two types of income)
सबसे पहले हमें समझना होगा कि बच्चे की दो तरह से इनकम हो सकती है, अर्जित और अनर्जित आय (Earned and Unearned Income). ऐसी इनकम जिसे बच्चे ने खुद कमाया हो उसे अर्जित आय (Earned Income) कहते हैं. जैसे अपने यूट्यूब पेज, इंस्टाग्राम अकाउंट या किसी टैलेंट हंट शो की मदद से बच्चे ने पैसे कमाएं हो.
दूसरी इनकम वो होती है जो बच्चे ने खुद तो नहीं कमाई, लेकिन उस इनकम पर उसका मालिकाना हक है. इसे अनर्जित आय (Unearned Income) कहते हैं. जैसे अगर बच्चे के नाम पर कोई प्रॉपर्टी, शेयर्स या अन्य कोई निवेश किया जाता है, तो उससे जो इनकम बच्चे को होगी उसे अनर्जित इनकम माना जाएगा.
बच्चों की कमाई पर क्या है इनकम टैक्स का नियम
इनकम टैक्स का सेक्शन 64 (1A) कहता है कि अगर बच्चा कमाई करता है तो उसे अपनी कमाई पर खुद टैक्स नहीं चुकाना होता है. माता-पिता के टैक्स स्लैब के मुताबिक तय किया जाता है कि बच्चे की इनकम को किसकी इनकम में जोड़ा जाएगा. फिर माता-पिता जिसकी भी इनकम में बच्चे की कमाई को जोड़ा जाता है उसे निर्धारित टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स भरना होता है.
1500 रुपए तक की कमाई पर नहीं लगेगा कोई टैक्स
इनकम टैक्स के सेक्शन 10(32) के मुताबिक, अगर कोई बच्चा हर साल 1500 रुपए तक की कमाई करता है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है. यानी उसकी यह कमाई टैक्स फ्री होती है. अगर बच्चा हर साल इससे ज्यादा कमाता है तो इसके ऊपर की कमाई को सेक्शन 64(1A) के तहत उसके पेरेंट्स की इनकम के साथ जोड़ कर टैक्सेबल माना जाता है.
अगर माता-पिता दोनों कमाते हैं तो बच्चे की कमाई किसकी इनकम में क्लब की जाएगी?
अगर बच्चे के माता और पिता दोनों ही कमाते हैं, तो दोनों में से जिनकी इनकम ज्यादा होती है, उसकी आय में बच्चे की कमाई को जोड़कर टैक्स कैलकुलेट किया जाता है. अगर कोई बच्चा लॉटरी जीतता है, तो जीत की रकम पर सीधे 30% TDS काटा जाता है. इस TDS पर 10% सरचार्ज लगाया जाता है और 4% सेस भी देना होता है.
अगर पेरेंट्स का तलाक हो गया है तो उस स्थिति में क्या होगा?
अगर बच्चे के माता-पिता का तलाक हो चुका है, तो बच्चे की कमाई को उस अभिभावक की इनकम में क्लब किया जाता है, जिसके पास बच्चे की कस्टडी होती है. वहीं अगर बच्चा अनाथ है, तो बच्चे के नाम पर ITR भरा जा सकता है.
Section 80U में मेंशन की गई किसी भी डिसेबिलिटी से अगर बच्चा पीड़ित है और डिसेबिलिटी (Disability) 40% से ज्यादा है, तो बच्चे की कमाई को उसके पेरेंट्स की इनकम में क्लब नहीं किया जाता है.