सलवार कमीज में दिख रही इस एक्ट्रेस को पहचाना आपने ? पेड़ों के नीचे बैठकर की पढ़ाई, बनना चाहती थी पायलट और अब…
कई मशहूर हस्तियों ने फिल्मों में अपनी एक्टिंग से लाखों दिलों को जीतने में कामयाबी हासिल की है. ऐसी ही एक एक्ट्रेस हैं जिन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया और तब से उन्हें दुनिया भर से प्यार मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं सेलिना जेटली की जिन्होंने 2003 की थ्रिलर फिल्म जानशीन से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. सेलिना अपने अट्रैक्टिव लुक से सभी को दीवाना बनाने में कामयाब रहीं. एक्ट्रेस अब बॉलीवुड छोड़ चुकी हैं लेकिन सोशल मीडिया के जरिए फैन्स को अपनी जिंदगी की झलक दिखाना कभी नहीं भूलती हैं.
एक्ट्रेस ने हाल ही में अपने स्कूल के दिनों की एक पुरानी तस्वीर शेयर की है. अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि उन्होंने कुमाऊं में शैक्षिक सुविधाओं की कमी के बावजूद अपने सपने पूरे किए. सेलिना के पिता भारतीय सेना में एक अधिकारी थे और उनका तबादला होता रहता था. डीवा ने अपने इंस्टाग्राम पर अपने स्कूल की एक पुरानी तस्वीर शेयर की इसमें वह सलवार कमीज पहने नजर आ रही थीं.
तस्वीर शेयर करते हुए सेलिना ने एक लंबा नोट लिखा और बताया कि उन्होंने 13 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई की है. एक्ट्रेस ने लिखा, ‘अंदाजा लगाओ मैं कौन सी हूं? मेरे पिता के पेशे के कारण जो #भारतीय सेना में #इन्फैंट्री अधिकारी थे मुझे 13 अलग-अलग स्कूलों में पढ़ने का मौका मिला. इनमें से #केन्द्रीय विद्यालय और #आर्मी पब्लिक स्कूल सबसे पॉपुलर ऑप्शन थे. #कुमाऊं की पहाड़ियों में कभी-कभी हमारे पास स्कूल तो होता था लेकिन शिक्षक नहीं होते थे. कभी-कभी हमारे पास शिक्षक होते थे लेकिन कक्षा टूटी हुई होती थी. 90 के दशक के में ऊंचे #हिमालयी पहाड़ों के पीछे और उससे आगे केवी केन्द्रीय विद्यालय में हम बेहद सिंपल स्टूडेंट लाइफ जीते थे.#सलवार कमीज #वर्दी पहनते थे. पिछली रात हमारी क्लास में सोने वाले #तेंदुओं के बारे में बात करते थे और हमारे मन और आंखों में बड़े सपने होते थे भले ही हमारे पास कुछ स्कूलों में कई सब्जेक्ट के टीचर नहीं थे.
उन्होंने लिखा, ‘कभी-कभी हम पेड़ों के नीचे भी पढ़ते थे. हम अपने टिफिन शेयर करते थे. घर जाते समय जामुन और सेब खाते थे और एक बार भी हमने किसी भी हालात में अपने सपनों को नहीं छोड़ा. खुशकिस्मती से पूरी तरह से अजनबी लोग रातों-रात आपकी जिंदगी के सबसे अहम इंसान बन जाते हैं. मैं उन खूबसूरत यादों और सबसे कीमती सबकों को कभी नहीं भूल सकती जो मैंने इन बहुत ही सरल साथियों और उनके परिवारों के साथ सबसे अच्छे वातावरण में सीखे. जो मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बन गए. शांत चोटियों और लुढ़कती पहाड़ियों के बीच एक स्टूडेंट का सरल जीवन एक सफर बन जाता है जहां ठंडी पहाड़ी हवा मन को शांत करती है और हर दिन किताबों और प्रकृति और सुनहरे दिल वाले लोगों के ज्ञान दोनों से सीखने का मौका होता है.