बिहार के मुजफ्फरपुर में 42 करोड़ रुपये की कोकीन बरामद, इंटरनेशनल स्मगलर गिरफ्तार
बिहार के मुजफ्फरपुर में डीआरआई ने एक लक्जरी कार से 42 करोड़ रुपये की कोकीन किया बरामद की है. कोकीन सिलीगुड़ी से दिल्ली ले जाई जा रही थी. इस मामले में एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया है. मैथी टोल प्लाजा के पास यह कार्रवाई की गई. मुजफ्फरपुर में मैठी टोल प्लाजा के नजदीक एक कार से कोकीन जब्त की गई है.
दरभंगा फोर लेन पर मैथी टोल प्लाजा के पास डीआरआई की टीम ने यह कार्रवाई की. यहां पहली बार इतनी भारी मात्रा में कोकीन जब्त की गई है. कोकीन की यह खेप पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से दिल्ली ले जाई जा रही थी. डीआरआई को छानबीन में जानकारी मिली कि यह खेप थाईलैंड से तस्करी करके भूटान के रास्ते सिलीगुड़ी लाई गई थी. वहां से उसे लक्जरी कार से ले जाया जा रहा था. कार में ट्रॉली बैग के ऊपरी व निचले हिस्से में पतली परत में 4.2 किलो कोकीन छिपाकर रखी गई थी. तस्कर को यह कोकीन की खेप मुजफ्फरपुर होकर गोरखपुर के रास्ते दिल्ली पहुंचानी थी.
डीआरआई ने गुरुवार को देर शाम को पकड़े गए तस्कर शेख शाहीन को विशेष एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बिहार में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में कोकीन जब्त की गई.
डीआरआई को गोपनीय सूचना मिली थी
मुजफ्फरपुर के डीआरआई के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि मादक पदार्थ की बड़ी खेप थाईलैंड से तस्करी करके भूटान सिलीगुड़ी के रास्ते मुजफ्फरपुर से गोरखपुर होकर दिल्ली जाएगी. डीआरआई ने मैथी टोल प्लाजा के समीप घेराबंदी की. इस बीच दरभंगा की ओर से लक्जरी कार आती हुई दिखाई दी. उस कार में बैठे व्यक्ति से पूछताछ की गई तो वह बोला कि दिल्ली जा रहे हैं. उसके पास एक ट्रॉली बैग है इसमें कुछ कपड़े हैं.
कार में बैठे व्यक्ति को हिरासत में लेकर माड़ीपुर स्थित डीआरआई कार्यालय लाया गया. यहां पर जब ट्रॉली बैग की बारीकी से तलाशी ली गई तो बैग के ऊपरी व निचले हिस्से में पतली परत में कोकीन को छिपी हुई मिली. इसकी कीमत 42 करोड़ रुपये आंकी गई है. गिरफ्तार तस्कर शेख शाहीन के पास सेवानिवृत नेवी कर्मचारी का पहचान पत्र मिला. उसकी तहकीकात डीआरआई की टीम कर रही है.
शेख शाहीन से जब डीआरआई के अधिकारियों ने पूछा कि उसके पास कुछ भी मादक पदार्थ जैसा है? तो वह इससे इनकार करता रहा. लेकिन, जब उसके ट्रॉली बैग से कोकीन बरामद कर लिया गया तब उसने तस्करी के बारे में जानकारी दी. उसके मोबाइल की डीआरआई गंभीरतापूर्वक जांच कर रही है. डीआरआई सूत्रों की मानें तो लखनऊ डीआरआई जोनल कार्यालय के अंतर्गत आने वाले बिहार, झारखंड, यूपी की अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. इतनी बड़ी खेप हाल के दिनों में नहीं पकड़ी गई थी.