क्या वाकई मिठाइयों में लगा सुंदर चांदी का वर्क होता है मांसाहारी? जानें कैसे
How Silver Foil is Made: त्योहारी सीजन में हर घर में मार्केट से मिठाई आती है और इन स्वीट्स को सुंदर बनाने का काम करता है सिल्वर फॉयल पेपर यानि ‘चांदी का वर्क’. चांदी का वर्क कई तरह की रेसिपीज में भी सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जिसे इतने चाव के साथ खाते हैं क्या वो मांसाहारी है? आपको बता दें कि कई लोगों का ये मानना है कि ‘चांदी का वर्क’ लगा भोजन नहीं खाना चाहिए क्योंकि, ये मांसाहारी होता है. क्या ये सच है, इसी बात को जानेंगे हम इस आर्टिकल में.
कैसे बनता है सिल्वर फॉइल? (How Silver Foil is Made)
सबसे पहले हम इस को बनाने के प्रोसेस के बारे में बात करेंगे. आपको बता दें कि चांदी का पत्ता या चांदी का वर्क, सिल्वर के नॉन-बायोएक्टिव पीसेस को पीटकर बनाया जाता है. इसके बाद इसे बुकलेट के पन्नों के बीच रखा जाता है, ताकि यह टूटे नहीं. दरअसल, असली और सही एडिबल चांदी का वर्क इतना पतला और नाजुक होता है कि वह त्वचा के सीधे संपर्क में आने पर आसानी से टुकड़ों में टूट जाता है.
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क्या वाकई सिल्वर फॉइल मांसाहारी होता है- Is silver foil really a non-vegetarian?
आज के समय में मार्केट में हर चीज में मिलावट देखी जाती है. कई मामलों में देखा गया है कि चांदी का वर्क बनाने के लिए इसमें एल्युमीनियम भी मिलाया जाता है, क्योंकि दोनों दिखने में सामान होते हैं. इसके अलावा, निकल, सीसा और कैडमियम जैसी अन्य भारी धातुओं की मिलावट इसमें की जाने लगी है, जो हमारी सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं.
फूड सेफ्टी एंड स्टैडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) अब सिल्वर फॉइल को तैयार करने में एनिमल यूजेज पर बैन लगा चुकी है. क्योंकि पहले चांदी को बैलों और भैंसों की आंतों के अंदर रखा जाता था और फिर वर्क में पतलेपन के लिए हथौड़े से काफी पीटा जाता है.
कैसे करें असली और नकली की पहचान- (How to identify real and fake)
अगर आपको मिलावट का शक हो तो ‘चांदी के वर्क’ को लेकर इसमें आग लगाकर देखें, अगर इसकी गंध मेटल जैसी है तो ये असली है, लेकिन अगर इससे चर्बी की दुर्गंध आ रही है तो समझ जाएं कि ये शाकाहारी नहीं है.