दिल्ली में अक्टूबर की गर्मी ने तोड़ा 75 साल का रिकॉर्ड, 1951 के बाद हुआ इतना बुरा हाल
अक्तूबर निकल चुका है और नवंबर ने दस्तक दे दी है, लेकिन दिल्ली से गर्मी विदा (Delhi Warmest In October) होने का नाम नहीं ले रही है. अक्टूबर महीने में राजधानी ने गर्मी का करीब 75 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. साल 1951 में दिल्ली में अक्टूबर महीने में इतनी ही गर्मी थी, जितनी साल 2024 में अक्तूबर महीने में रिकॉर्ड की गई है.भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को कहा कि सफदरजंग, नई दिल्ली में अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों के मामले में अक्टूबर 2024 साल 1951 के बाद सबसे गर्म अक्टूबर रहा.
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1951 में 36.2 डिग्री सेल्सियस था अक्टूबर का तापमान
आईएमडी के मुताबिक, अक्टूबर में सफदरजंग में औसत अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं साल 1907 में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस, 1930 में 35.0 डिग्री सेल्सियस, 1938 में 35.0 डिग्री सेल्सियस, 1941 में 35.8 डिग्री सेल्सियस, 1951 में 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छी खासी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. पटाखों पर बैन के बाद भी दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई, इस वजह से शुक्रवार की सुबह धुंध छा गई. राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 से ज्यादा दर्ज किया गया, जिससे लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गईं हैं.
दिल्ली में प्रदूषण से बुरा हाल, लोग हो रहे बीमार
इंडिया गेट पर साइकिल चलाने आने वाले स्टीफन ने दिवाली के बाद AQI 317 के आसपास रहने पर कहा,” प्रदूषण की वजह से स्थिति भयानक है. इस बार प्रदूषण बहुत अचानक आया. अभी कुछ दिन पहले कुछ भी नहीं था. अब मेरा भाई बीमार हो गया है. मैं अपने भाई के साथ यहां साइकिल चलाने आता था, लेकिन प्रदूषण से हाल ही में वह बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आज प्रदूषण पीक पर है.”
सुबह करीब 7 बजे, आनंद विहार में एक्यूआई 395 दर्ज किया गया, आया नगर में 352, जहांगीरपुरी में 390 और द्वारका में 376 तक पहुंच गया. इन सभी इलाकों में हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई. इसकी वजह से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां पैदा हो गई हैं.
दिल्ली समेत तमाम बड़े शहरों का प्रदूषण से बुरा हाल
प्रदूषण सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहा.चेन्नई, मुंबई जैसे महानगरों समेत देश के कई अन्य शहरों में भी इसी तरह के हालात हैं. धुंध और खराब वायु गुणवत्ता से बहुत से इलाके प्रभावित हुए हैं.सीपीसीबी डेटा से प्रदूषण के स्तर का पता चलता है. खासकर दिवाली के बाद देश भर में जहरीली हवा और संभावित स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ जाती हैं.