क्या दूध, दही से सबसे ज्यादा बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल? जानिए किस तरीके से सेवन करने पर नहीं होता कोई नुकसान
Does Milk And Curd Increase Cholesterol?: दूध और दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स हमारी डेली डाइट का एक बड़ा हिस्सा होते हैं. भारत में इनको खूब खाया जाता है और इनकी न्यूट्रिशन वैल्यू के कारण इन्हें सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है, लेकिन कई लोग यह सोचते हैं कि दूध और दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है और इन्हें इस डर से खाना बंद कर देते हैं. अगर कोई हाई कोलेस्ट्रॉल से परेशान है, तो क्या उन्हें इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. जानिए क्या वाकई दूध और दही से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है और अगर हां, तो किन परिस्थितियों में.
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कोलेस्ट्रॉल क्या है? (What Is Cholesterol?)
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का फैटी चीज (लिपिड) है जो शरीर की प्रत्येक कोशिका में पाया जाता है. यह कोशिका झिल्ली के निर्माण, हार्मोन बनाने और विटामिन डी के संश्लेषण में बड़ी भूमिका निभाता है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है:
एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) – जो धमनियों में प्लाक बनाकर अवरोध पैदा कर सकता है.
एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) – जो धमनियों से कोलेस्ट्रॉल को हटा कर लीवर तक पहुंचाता है, जहां इसे नष्ट किया जाता है.
दूध और दही में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (Cholesterol Content In Milk And Yogurt)
दूध और दही में फैट और कोलेस्ट्रॉल की कुछ मात्रा होती है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा प्रकार चुनते हैं – फुल क्रीम, टोंड या स्किम्ड. फुल क्रीम दूध और दही में ज्यादा फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है, जबकि टोंड और स्किम्ड दूध में इसकी मात्रा कम होती है. इसके अलावा, दही में प्रोबायोटिक्स भी होते हैं जो पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में सहायक हो सकते हैं.
क्या दूध और दही से बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल? (Do Milk And Curd Increase Cholesterol?)
यह एक आम धारणा है कि डेयरी प्रोडक्ट्स से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है. वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि दूध और दही जैसे प्रोडक्ट्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल प्रभावित हो सकता है, लेकिन यह उनके प्रकार मात्रा और व्यक्ति की लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है.
डेयरी प्रोडक्ट्स का प्रकार: फुल क्रीम दूध और गाढ़ी दही में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है. दूसरी ओर, स्किम्ड या लो-फैट दूध और दही में फैट की मात्रा कम होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने में सहायक हो सकता है.
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प्रोबायोटिक दही का प्रभाव: दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. कुछ शोध यह सुझाव देते हैं कि नियमित रूप से प्रोबायोटिक युक्त दही का सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी आ सकती है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है.
डाइट और लाइफस्टाइल के कारक: केवल डेयरी प्रोडक्ट्स ही कोलेस्ट्रॉल लेवल को प्रभावित नहीं करते. आपकी पूरी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी लेवल और जेनेटिक कारक भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को निर्धारित करते हैं. तली-भुनी चीजों, जंक फूड और चीनी से भरपूर फूड्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.
किस प्रकार के दूध और दही का सेवन सुरक्षित है?
स्किम्ड या लो-फैट दूध का उपयोग करें: इसमें फैट की मात्रा कम होती है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना को कम करता है. प्रोबायोटिक दही का सेवन करें: यह पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल कर सकता है. डेयरी प्रोडक्ट्स की मात्रा का ध्यान रखें: सीमित मात्रा में दूध और दही का सेवन करें, खासकर अगर आपका कोलेस्ट्रॉल पहले से ही हाई है.
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दूध और दही से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार का डेयरी प्रोडक्ट्स चुनते हैं और आप इसे कितनी मात्रा में सेवन करते हैं. अगर आप स्किम्ड दूध और प्रोबायोटिक दही का सेवन करते हैं, तो कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल रह सकता है. इसके विपरीत, फुल क्रीम डेयरी प्रोडक्ट्स का ज्यादा सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है. इसके अलावा, हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज भी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखने के लिए जरूरी हैं.