दीवाली से पहले बालकनी में कबूतरों की फैलाई गंदगी का ऐसे करें सफाया, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने
kabutaron se kaise chhutkara payen: दीवाली की सफाई की शुरूआत हो चुकी है. घर के अंदर से लेकर बाहर तक हर कोई साफ-सफाई में लगा है. घर के हर कोने को चमकाने के लिए लोग खूब मेहनत कर रहे हैं. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी घरों में आती हैं इसलिए घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए. इन सब सफाई के बीच एक जो सबसे बड़ी मुसीबत आती है वो ये है कि घर की बालकनी में आने वाले कबूतर जो हर रोज बालकनी को गंदा कर देते हैं. कबूतरों की बीट का निशान बेहद जिद्दी होता है और यह आसानी से साफ भी नहीं होता है. इसके साथ ही इनसे फैली गंदगी और कबूतरों का आना आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
अगर आप भी अपने घर की बालकनी में कबूतरों की फैलाई गंदगी से परेशान हैं तो आज हम आपको एक ऐसा नुस्खा बताएंगे जिससे आप इन कबूतरों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं और अपनी बालकनी को कबूतरों की बीट से खराब होने से बचा सकते हैं.
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बालकनी को कैसे साफ करें
कबूतरों की बीट साफ करने के लिए सबसे पहले अपनी बालकनी में पानी डालकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें. इसके बाद हल्के गुनगने पानी में विनेगर और डिटर्जेंट मिलाकर इसमें एक सूती कपड़े को भिगो लें. अब इस सॉल्यूशन से अपनी बालकनी की ग्रिल और टाइल्स को साफ करें और जमीन पर पड़े निशानों को साफ करने के लिए माइक्रोफाइबर कपड़े का इस्तेमाल करें. इसके बाद पानी में डिटोल डालकर बालकनी की फर्श और ग्रिल को अच्छे से साफ कर लें.
कबूतरों से कैसे पाएं छुटकारा
कबूतरों से छुटकारा पाने के लिए आपको चाहिए एक चमकीली काले रंग की पॉलीथिन. अब पुराने अखबारों को मोड़कर इस पन्ना में भर दें. इस पन्नी में अच्छी तरह से अखबारों को भरें जिससे वो फूली हुई नजर आए. इसके बाद इस पन्नी को ऊंचाई पर ऐसी जगह टांग दें जिससे धूप या रोशनी रिफलेक्ट होती हो. इसे देखकर कबूतर आसानी से बालकनी मे नहीं आते हैं.
इसके अलावा आप बालकनी में जाल भी लगवा सकते हैं. ऐसा करने से कबूतर बालकनी में नहीं आ पाएंगे.
कबूतरों से सेहत को नुकसान
बता दें कि जो लोग बहुत सेंसटिव या एलर्जिक होते हैं उन्हें कबूतरों की बीट और उनके पंख से इंफेक्शन हो सकता है. कई बार लोगों को इसकी वजह से फेफड़ों में सूजन जैसी समस्या भी हो सकती है. ऐसे में हाइपरसेंसटिव लोगों को इनकी वजह से बीमार होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है.