भारत के सामने 5 दशकों में 2 अमेरिका बनाने की चुनौती… समझिए NDTV World Summit में अमिताभ कांत ने क्यों कही ये बात
भारत के G-20 शेरपा अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने विकसित देश बनने की दिशा में मैन्युफैक्चरिंग और अर्बनाइजेशन (शहरीकरण) पर फोकस करने की बात कही है. अमिताभ कांत ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को NDTV World Summit 2024 के दूसरे दिन कहा कि भारत युवा आबादी का लाभ उठाकर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी लाकर 2030 तक विकसित भारत होने का लक्ष्य हासिल कर सकता है.
अमिताभ कांत ने कहा, “अगले पांच दशक यानी आने वाले 50 साल में भारत में 500 मिलियन लोग शहरीकरण की प्रक्रिया में शामिल होंगे. इसका मतलब है कि भारत को एक ही समय में दो अमेरिका बनाने होंगे.”
नीति आयोग के पूर्व CEO ने भारत के डेमोग्राफिक डेटा (जनसांख्यिकीय) आंकड़ों और री-स्किलिंग की जरूरत के सवाल के जवाब में कहा, “भारत सिर्फ सर्विस के दम पर विकास नहीं कर सकता. इसे एक मैन्युफैक्चरिंग नेशन बनने की जरूरत है. देश की कुल GDP का 17.5% हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग से आता है. हमें इसे 25% तक ले जाना होगा. साथ ही शहरीकरण को बढ़ावा देना होगा.”
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कृषि में शामिल लोगों के रेशियो को कम करने की जरूरत
अमिताभ कांत ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि उत्पादकता में सुधार करने और कृषि में शामिल लोगों के रेशियो को करीब 45% से कम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “आपको हर सेक्टर और हर आयाम में काम करना होगा. सर्विस, मैन्युफैक्चरिंग अर्बनाइजेशन, एग्रीकल्चर सभी क्षेत्रों में विकास करना होगा.”
भारत ग्रीन हाइड्रोजन की कीमतें घटाने में करेगा मदद
उन्होंने कहा, “मैन्युफैक्चरिंग और अर्बनाइजेशन के लिए आपको स्किल डेवलपमेंट करना होगा. हमें वर्कफोर्स को विकास के नए सेक्टर से जोड़ने की जरूरत है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और कॉन्टम कंप्यूटिंग नए सेक्टरर हैं. यही वजह है कि भारत ने इन सभी क्षेत्रों में इन नए मिशनों को शुरू किया है. इसमें सेमीकंडक्टर के लिए एक मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन के लिए एक मिशन शामिल है. इससे ग्रीन हाइड्रोजन की कीमतें घटेंगी. भारत इसे कम करेगा.”
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— NDTV India (@ndtvindia) October 22, 2024
‘आत्मनिर्भरता’ या ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सवाल पर नीति आयोग के पूर्व CEO ने कहा कि इसमें भारत को वैल्यू चेन का एक अटूट हिस्सा बनाना शामिल है.
GDP को 9 गुना बढ़ाना होगा
अमिताभ कांत ने कहा, “आप तीन दशकों या उससे ज्यादा समय तक साल-दर-साल 9-10% की दर से विकास नहीं कर सकते. इसलिए जब हम ‘विकसित’ भारत या 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की बात करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी GDP को 9 गुना बढ़ाना है. इसके साथ ही प्रति व्यक्ति आय को 8 गुना बढ़ाना होगा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ को 16 गुना बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी.”
भारत को बड़े पैमाने पर निर्यात करने की जरूरत
कांत ने कहा कि भारत को बड़े पैमाने पर निर्यात करने की जरूरत है. इसीलिए उत्पादन से जुड़ी निवेश योजना पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा, “ग्लोबल मार्केट में एंट्री करने के लिए आपको 10,000 बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां चाहिए. आपको अपना मैन्युफैक्चरिंग साइज बढ़ाना होगा. 10% से अधिक की दर से बढ़ने के लिए 12 भारतीय राज्यों की मदद चाहिए.”
भविष्य ग्लोबल साउथ का
उन्होंने कहा, “भविष्य ग्लोबल साउथ का है. आने वाले दिनों में वर्ल्ड इकोनॉमी में 75% ग्रोथ ग्लोबल साउथ से ही आएगा. इसलिए हमें यहां के देशों को बढ़ावा देने की जरूरत है. PM मोदी ने इन देशों को जी-20 में शामिल करके उन्हें सशक्त किया है.