भारत टेक इन फॉर ग्रांटेड रिश्ते नहीं बनाता : NDTV वर्ल्ड समिट में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में जियो पॉलिटक्स हो या अर्थव्यवस्था सबको नया आयाम मिल रहा है. वहीं, यूरोप और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों के बीच भारत एक जिम्मेदार और आसरदार आवाज़ के तौर पर उभरा है. NDTV वर्ल्ड समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया में एक उम्मीद की किरण के तौर पर उभरा है.पीएम मोदी ने कहा कि भारत टेकन फॉर ग्रांटेड रिश्ते नहीं बनाता है… हमारे रिश्ते की बुनियाद हमेशा विश्वास और विश्वसनीयता रही है और अब दुनिया भी इस बात को समझ रही है. उन्होंने कहा कि भारत ने टेक्नोलॉजी को डेमोक्रटाइज करके डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का नया रास्ता दुनिया को दिखाया है.
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि भारत के विकास की बहुत लंबी कहानी है लेकिन अगर बात सिर्फ पिछले 125 दिनों की करें तो उसमें भी भारत तेजी से आगे जा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सरकार के तीसरे कार्यकाल के 125 दिन पूरे हुए हैं. पहले 125 दिनों में गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने को मंजूरी दी गई है. 125 दिनों में 5 लाख घरों में सोलर पैनल लगाए गए हैं. 125 दोनों में स्टॉक मार्केट में 6% से 7% तक ग्रोथ हुआ है.
Amidst all the global uncertainties, India has emerged as a beacon of hope. There is a sense of positivity and that is why we are talking about ‘The Indian Century.’ pic.twitter.com/uxgkFUybN2
— Narendra Modi (@narendramodi) October 21, 2024
प्रधानमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि 125 दिन में गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के घरों को मंजूरी मिली है. 9 लाख करोड़ के इंफ्रा प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है. 15 नई वंदे भारत चली हैं, 8 नए एयरपोर्ट पर काम की शुरुआत हुई है. युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया है. किसानों के खाते में 21 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं. 70 साल से अधिक बुजुर्गों को 5 लाख तक मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गयी है.
पीएम मोदी ने कहा कि 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं. मां के नाम अभियान में 90 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं. सेंसेक्स और निफ्टी में 6-7 पर्सेंट की ग्रोथ हुई है फोरेक्स 650 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है. भारत की उपलब्धियों की लिस्ट लंबी है.
पूरी दुनिया में भविष्य को लेकर चिंता है: PM मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समिट में आप लोग अनेक विषयों पर चर्चा करने जा रहे हैं. अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े ग्लोबल लीडर्स भी अपनी बात रखेंगे. बीते 4-5 साल के कालखंड को देखें, तो ज्यादातर चर्चाओं में एक बात कॉमन रही है, वो बात है चिंता, भविष्य को लेकर. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय चिंता रही कि global pandemic से कैसे निपटें. कोविड बढ़ा तो दुनिया भर की economy को लेकर चिंता होने लगी. कोरोना ने महंगाई और बेरोजगारी पर चिंता बढ़ायी. Climate change को लेकर चिंता तो थी ही, फिर जो युद्ध शुरू हुए, उनकी वजह से चिंता और बढ़ गई.
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PM मोदी ने बताया भारत का सपना
प्रधानमंत्री ने बताया कि पब्लिक लाइफ में मुझे कई बार भांति भांति के लोग मिल जाते हैं. वे कहते हैं तीन बार सरकार बना ली, इतनी दौड़ धूप क्यों कर रहे हो. देश को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना लिया है, फिर इतनी मेहनक की क्या जरूरत है. ऐसे बोलने वाले ढेर सारे लोग मिल जाते हैं. जो सपने हमने देखें उसमें न चैन है न आराम है.
पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. पिछले 10 साल में करीब 12 करोड़ शौचालय बने हैं. 6 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन बने हैं. 15 से ज्यादा एम्स बने हैं.
पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें
- 21वीं सदी का ये समय मानव इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण समय है,. ऐसे में आज के युग की बड़ी जरूरतें हैं – Stability, Sustainability और Solutions.
- 6 दशक में पहली बार देश के लोगों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार को अपना जनादेश दिया है. ये stability का संदेश है.
- दुनिया और हमारे पास Artificial Intelligence तो है ही, लेकिन हमारे दूसरी AI भी है यानी Aspirational India.जब Aspirational India और Artificial Intelligence की ताकत मिलती है, तब विकास की गति भी तेज होनी स्वाभाविक है.
- अब सफलता का मापदंड सिर्फ ये नहीं है कि हमने क्या पाया… अब हमारा आगे क्या लक्ष्य है, हमें कहां पहुंचना है…हम उस ओर देख रहे हैं.
- पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले. पिछले 10 सालों में करीब 12 करोड़ शौचालय बने, 16 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन मिले.
विकसित भारत के संकल्प में 140 करोड़ भारतीय जुटे- PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, “ऐसा नहीं है कि ये सरकार ने तय कर लिया और टारगेट सेट हो गया. विकसित भारत के संकल्प में 140 करोड़ भारतीय जुटे हुए हैं. जब भारत ने विकसित भारत के संकल्प का विजन शुरू किया, तो हजारों लोगों ने अपने सुझाव हमें भेजे. स्कूल, कॉलेज, यूनिवसिर्टी में डिबेट हुए. जनता से जो सुझाव मिले, उससे भारत के 25 साल के लक्ष्य तैयार हुए. विकसित भारत पर डिबेट आज हमारे चैतन्य का हिस्सा बन गया है.”