BJP ने हरियाणा के सैनी कैबिनेट से साधी 36 बिरादरी, झारखंड-महाराष्ट्र के लिए भी छोड़ा खास मैसेज
हरियाणा में तीसरी बार BJP सरकार का गठन हो चुका है. गुरुवार को नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सैनी के सााथ 13 विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है. इनमें से 6 सैनी की पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं. सैनी कैबिनेट (Saini Cabinet) में BJP ने जातीय समीकरण का खासा ख्याल रखा है. हर जाति से 1 या 2 चेहरे को कैबिनेट में जगह देकर अच्छा बैलेंस किया गया है. पार्टी ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता दिलाने वाले सभी अहम जातीय समुदायों के नेताओं को मंत्री बनाया है. ऐसे करके BJP ने 36 बिरादरी को साधने की कोशिश की है. पार्टी ने हरियाणा में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और ओडिशा की तरह डिप्टी CM बनाने का फॉर्मूला नहीं अपनाया है. लेकिन झारखंड और महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक जातीय समीकरण को लेकर एक मैसेज जरूर दे दिया है.
हरियाणा में 57 साल बाद किसी पार्टी की लगातार तीसरी बार सरकार बनी है. 1966 में हरियाणा के गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है. आइए समझते हैं हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतकर सबको चौंकाने वाली BJP ने सरकार के गठन में कैसे रखा हर जातीय समुदाय का ख्याल? कैसी है नायब सिंह सैनी की कैबिनेट:-
नायब सिंह सैनी सरकार में कौन-कौन बने मंत्री, देखिए ये है पूरी लिस्ट
CM नायब सिंह सैनी कैबिनेट में कुल 13 मंत्री हैं. इनमें पंजाबी से 1, BC-OBC से 2, SC से 2, जाट से 2, यादव से 2, ब्राह्मण से 2 चेहरों को जगह दी गई है. वहीं, राजपूत, गुर्जर और वैश्य से 1-1 चेहरे को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है. नए चेहरों में अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, आरती राव, श्रुति चौधरी और गौरव गौतम पहली बार मंत्री बने हैं. जबकि राजेश नागर और गौरव गौतम को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है.
किस जातीय समुदाय से कितने मंत्री?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी -OBC
अनिल विज- पंजाबी
कृष्ण लाल पंवार- SC (अनुसूचित जाति)
राव नरवीर -यादव
महिपाल ढांडा – जाट
विपुल गोयल- वैश्य
अरविंद शर्मा -ब्राह्मण
श्याम सिंह राणा- राजपूत
रणबीर गंगवा- BC-OBC
कृष्ण बेदी- SC
श्रुति चौधरी- जाट
आरती राव- यादव
राजेश नागर -गुज्जर
गौरव गौतम- ब्राह्मण
किसने किस सीट से जीता चुनाव?
-CM नायब सिंह सैनी ने लाडवा सीट से जीत दर्ज की है.
-अनिल विज अंबाला कैंट से विधायक चुने गए हैं.
-आरती राव अटेली से विधायक चुनी गई हैं.
-राव नरबीर बादशाहपुर से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
-श्रुति चौधरी तोशाम से पहली बार चुनाव जीतकर मंत्री बनी हैं.
-महिपाल ढांडा पानीपत ग्रामीण से विधायक हैं.
-श्याम सिंह राणा रादौर से चुनाव जीते हैं.
-कृष्ण लाल पंवार इसराना से विधायक हैं.
-अरविंद शर्मा गोहाना से विधानसभा सदस्य हैं.
-रणबीर गंगवा बरवाला से विधायक हैं.
-विपुल गोयल फरीदाबाद से विधायक हैं.
-राजेश नागर तिगांव से जीते हैं.
-गौरव गौतम पलवल से विधायक हैं.
-कृष्ण बेदी नरवाना से विधायक चुने गए हैं.
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हरियाणा में किस जाति की कितनी आबादी?
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में जाट समुदाय की आबादी 25% है. दलित की आबादी 21% है. पंजाबी यहां 8% हैं. ब्राह्मण समुदाय की आबादी 7.5% है. अहीर यहां 5.14% है. वैश्य की आबादी 5% है. राजपूत की आबादी 3.4% है. सैनी की आबादी 2.9% है. मुस्लिमों की आबादी 3.8% हैं.
किस जाति ने किस पार्टी को दिए कितने प्रतिशत वोट?
हरियाणा की सियासत हमेशा से ही जाट बनाम नॉन जाट पर चलती है. आबादी में जातियों की भागीदारी के हिसाब से देखें तो यहां सबसे ज्यादा जाट बिरादरी के वोटर्स हैं. CSDS ने चुनाव के नतीजों के बाद बताया था कि हरियाणा में किस जातीय समुदाय ने किस पार्टी को कितना पर्सेंट वोट दिया.
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BJP को मिले ब्राह्मण समुदाय के सबसे ज्यादा वोट
CSDS के आंकड़ों के मुताबिक, ब्राह्मण समुदाय ने कांग्रेस को 31% वोट दिया है. BJP को इस समुदाय के 51% वोट मिले हैं. INLD-BSP गठबंधन को सिर्फ 2% ब्राह्मण समुदाय का वोट मिला है. जाट समुदाय की बात करें, तो यहां से कांग्रेस को 53% वोट मिले हैं. BJP को जाट समुदाय से 28% वोट हासिल हुए हैं. INLD-BSP को 6% वोट मिले हैं.
नॉनस्टॉप हरियाणा के विकास और नवनिर्माण को गतिमान रखने वाले जनादेश के लिए सर्वप्रथम 2.80 करोड़ अपने परिवारजनों का हार्दिक आभार।
मेरे जैसे एक सामान्य परिवार से आने वाले कार्यकर्ता को हरियाणा का मुख्य सेवक बनने का अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का आभार।… pic.twitter.com/sGUHrJpxrg
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) October 17, 2024
गुर्जर समुदाय में 44% वोट कांग्रेस को मिले
जाटव समुदाय के 50% वोट कांग्रेस को मिले हैं, जबकि BJP को इस समुदाय से 35% वोट मिले हैं. मुस्लिम वोट की बात करें, तो 59% वोट कांग्रेस के खाते में गए हैं. सिर्फ 7% मुस्लिम मतदाताओं ने BJP के लिए वोट किया है. गुर्जर समुदाय में 44% वोट कांग्रेस के नाम गए हैं. 37% वोट BJP को मिले हैं. अन्य सवर्ण जातियों के 22% वोट कांग्रेस को और 59% वोट BJP को हासिल हुए हैं.
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PM मोदी और अमित शाह भी शपथ ग्रहण में हुए शामिल
नायब सिंह सैनी हरियाणा के 19वें मुख्यमंत्री हैं. शपथ ग्रहण समारोह पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में आयोजित किया गया. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ 18 राज्यों के CM और डिप्टी CM शामिल हुए.
CM बनने के बाद नायब सिंह सैनी का खास मैसेज
नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर खास मैसेज किया है. सैनी ने लिखा, “नॉनस्टॉप हरियाणा के विकास और नवनिर्माण को गतिमान रखने वाले जनादेश के लिए सर्वप्रथम 2.80 करोड़ अपने परिवारजनों का हार्दिक आभार. मेरे जैसे एक सामान्य परिवार से आने वाले कार्यकर्ता को हरियाणा का मुख्य सेवक बनने का अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार. प्रधानमंत्री जी हरियाणा से आपका विशेष स्नेह हमें निरंतर परिश्रम करने के लिए असीमित ऊर्जा प्रदान करता है. आपके प्रेरणादायी नेतृत्व में हरियाणा विकास की नित नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहा है. विकास की ये नॉनस्टॉप यात्रा प्रदेश में सतत जारी रहेगी.”
सैनी ने लिखा, “पूर्ण बहुमत की तीसरी बार भाजपा सरकार पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ सुशासन,समानता और गरीब कल्याण के लिए काम करेगी.”
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क्या जातीय समीकरण से BJP ने झारखंड और महाराष्ट्र में दिया मैसेज
हरियाणा में नायब सिंह सैनी के कैबिनेट में जातीय समीकरण का बैलेंस दिखाते हुए BJP ने झारखंड और महाराष्ट्र में भी एक मैसेज दिया है. दोनों राज्यों में अगले महीने विधानसभा के चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग है. झारखंड में दो फेज में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में BJP को वैसे नतीजे नहीं मिले थे, जैसी उसने उम्मीद की थी. लिहाजा पार्टी विधानसभा के चुनावों में प्रत्याशी चुनते समय जातीय समीकरण का खासा ख्याल रखेगी. यही बात झारखंड में भी लागू होती है. क्योंकि पिछली बार ओवर कॉन्फिडेंस के चलते BJP का AJSU के साथ गठबंधन नहीं हो पाया. इसका नुकसान भी हुआ और BJP चुनाव हार गई थी.
साफ तौर पर BJP ने हरियाणा में मंत्रियों को चुनते समय जिस इक्वेशन का ख्याल रखा है, उसे महाराष्ट्र और झारखंड में प्रत्याशी चुनने के दौरान भी दोहराया जा सकता है.