Ambala Cantt Result: अंबाला कैंट से अनिल विज फिर पीछे, IND की चित्रा सरवारा बनाई बढ़त
Haryana Assembly Elections Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में अंबाला कैंट सीट हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल है. यहां से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज चुनावी मैदान में हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी को भरोसा है कि वह लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल करने में कामयाब रहेगी, वहीं एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहा है.अनिल विज और परविंदर सिंह परी के बीच मुकाबला कड़ा माना जा रहा है. शुरुआती रुझान में अनिल विज आगे चल रहे थे फिर वह पीछे हो गए. फिलहाल निर्दलीय चित्रा सरवारा उनसे आगे चल रही हैं.
हालांकि अनिल विज का कहना है, “जैसा हमने सोचा था वैसे ही नतीजे आ रहे हैं, कांग्रेस को हरियाणा की जनता अच्छी तरह सबक सिखाती नजर आ रही है. कांग्रेस के भीतर ऐसे लोग हैं जो हुड्डा को हारते देखना चाहते थे और वे ही पटाखे फोड़ रहे थे.”
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अंबाला कैंट पर कौन आगे, कौन पीछे?
बीजेपी | कांग्रेस | निर्दलीय | रुझान |
अनिल विज | परविंदर सिंह परी | चित्रा सरवारा | अनिल विज पीछे |
चित्रा सरवारा आगे | |||
अनिल विज जीतेंगे या हारेंगे?
अनिल विज हारेंगे या जीतेंगे, सभी की निगाहें इसी बात पर लगी हैं. अनिल विज ने कहा कि मैं जनता का जनादेश स्वीकार करूंगा. अगर हाईकमान चाहेगा तो मैं मुख्यमंत्री बनूंगा.अंबाला कैंट सीट से अनिल विज लगातार चौथी बार इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. छह बार के विधायक और दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बन चुके अनिल विज समय-समय पर प्रदेश का मुखिया बनने की अपनी व्यक्तिगत चाहत दिखा चुके हैं.
#WATCH अंबाला, हरियाणा: अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अनिल विज ने कहा, “भाजपा आगे चल रही है और वे(कांग्रेस) जश्न मना रहे हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी में कई लोग चाहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव हार जाएं… मैं जनता का जनादेश स्वीकार करूंगा… अगर हाईकमान… pic.twitter.com/cvq8KgErTF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 8, 2024
अनिल विज Vs परविंदर सिंह परी
कांग्रेस ने कुमारी शैलजा के करीबी पूर्व पार्षद परविंदर सिंह परी को मैदान में उतार कर अनिल विज को घेरने की पूरी कोशिश की है. अंबाला कैंट में पंजाबी और जट सिख के करीब 80 हजार मतदाता है. दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वैश्य समाज के वोटरों की संख्या है. भाजपा को यहां पर पंजाबी और जट सिख के वोटर्स पर भरोसा था.