इजरायल के पास हैं क्या सीक्रेट हथियार? ईरान को होगा बड़ा नुकसान
Iran Israel War: इजरायल भौगोलिक दृष्टि से तीन तरफ से अपने दुश्मन देशों से घिरा हुआ है. उसके पड़ोसी देशों में इजरायल को लेकर एक समान भावना है और सभी इजरायल (Israel) को अपना दुश्मन मानते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि तकनीकी रूप से इजरायल अपने सभी पड़ोसी मुल्कों से काफी मजबूत है. मिलिट्री पावर में भी इजरायल काफी आगे है. हाल में इजरायल ने पेजर (Pager attack) के जरिए हिजबुल्लाह (Hezbollah) के कई लड़ाकुओं को मार दिया और हजारों को घायल कर दिया और फिर वॉकी-टॉकी के जरिए भी धमाका कर पूरी दुनिया को हैरानी में डाल दिया. यह अलग बात है कि इजरायल ने इस हमले में सीधे अपना हाथ होने की बात नहीं स्वीकारी है.
इजरायल के हमले के बाद दुनिया हुई चौकन्नी
इजरायल के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके पास बेहद काबिल लोग हैं. वहीं, लेबनान की ओर कहा गया है कि यह हमला इजरायल की मोसाद की चाल है. लेकिन, इस प्रकार के हमले से तमाम मुल्कों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता होना लाजमी हो गया है.
अलग-अलग देशों की खूफिया एजेंसी से लेकर आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विभागों ने इस प्रकार के किसी हमले को रोकने के लिए कदम उठाने पर काम शुरू कर दिया है.
इजरायल के इस कदर दूर की सोच के साथ काम करने के इरादे से पूरी दुनिया चौकन्नी हो गई है. साथ ही वह देश जो इजरायल के साथ दुश्मनी रखते हैं उनकी भी नींद उड़ गई हैं. अभी यह समझ में नहीं आ रहा है तात्कालिक रूप से ऐसा क्या किया जाए कि इस प्रकार के हमले न हों और ऐसे खतरे को कम से कम किया जा सके.
ईरान का इजरायल पर हमला
गौरतलब है कि ईरान ने इजरायल पर 1 अक्तूबर को 200 मिसाइलों से हमला किया और कुछ मिसाइल इजरायल पर जाकर गिरी भी कुछ इमारतों में नुकसान भी हुआ. इजरायल ने साफ कहा कि उसके यहां ईरान के हमले में किसी की मौत नहीं हुई है. ईरान ने साफ कहा कि उसका यह हमला इजरायल की गाज़ा में लगातार जारी कार्रवाई के बाद लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों पर जारी हमलों के साथ ही हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की बमबारी में की गई हत्या के बदले के स्वरूप किया गया है. वहीं,
इस हमले के जवाब में इजरायल की ओर पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने बड़ी गलती है और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि ईरान में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
कहां कहां हमला कर सकता है इजरायल
अब कहा जा रहा है कि इजरायल के संभावित हमलों के टारगेट में ईरान के सैन्य प्रतिष्ठानों के अलावा प्रमुख तेल उत्पादन केंद्र और परमाणु प्रतिष्ठान शामिल होंगे. वहीं, इस पूरे मामले में अमेरिका की ओर से भी कहा गया है कि वह किसी भी प्रकार से इजरायल की ओर से ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के खिलाफ है और इसमें वह इजरायल के साथ नहीं देगा.
हालांकि, अमेरिका ये साफ कर चुका है कि वह ईरान के इजरायल पर किए गए हमले के खिलाफ है और पूरी ताकत के साथ इजरायल के साथ खड़ा है.
इजरायल के पास दुनिया को हैरान करने वाली तकनीकी
वहीं, यह बताना जरूरी है कि इजरायल की ओर से आईडीएफ अधिकारियों ने कहा कि इजरायल के पास दुनिया को हैरान करने वाले काफी हथियार और तकनीक है. उन्होंने इजरायल के दुश्मनों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही है .
इजरायल करेगा कोई बड़ी कार्रवाई
इस मामले के जानकार लोगों को कहना है कि इजरायल ने पहले भी ईरान के उकसाने वाले बयानों पर कार्रवाई की है और यह काफी सीमित रही है और अब जब ईरान ने इतनी बड़ी कार्रवाई की है तब यह तय माना जा रहा है कि इजरायल कोई बड़ा हमला ही करेगा. इन हमलों में ईऱान के परमाणु कार्यक्रमों को निशाना बनाया जा सकता है.
ऐसे यह भी कहा जा रहा है कि ईरान के साथ सीधे तौर पर युद्ध में इजरायल नहीं जाना चाहेगा और ऐसा ही ईरान भी चाहेगा. लेकिन, ईरान के हमले का जवाब तो दिया जाएगा.
2021 में ईरान के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर अटैक
ऐसे में जानकारों का कहना है कि इजरायल कोई बड़ा साइबर हमला भी कर सकता है. गौरतलब है कि 2021 में नाटांज़ में परमाणु केंद्र पर एक हमले के लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. इस हमले में परमाणु केंद्र की बिजली सप्लाई को नुकसान पहुंचाया गया था. वहीं, इस हमले की जिम्मेदारी से इजरायल ने किनारा कर लिया था.
2009 में ईरान पर साइबर अटैक
इससे पहले भी 2009 में यहीं पर साइबर हमला किया गया था जिसके लिए ईरान ने अमेरिका को दोषी ठहराया था और इसमें इजरायल के द्वारा बनाए गए एक कंप्यूटर वाइरस के जरिए हमला किया गया था.
ऐसे में कहा जा रहा है कि इजरायल के पास अभी भी कुछ ऐसे हथियार हो सकते हैं जिसके बारे में दुनिया अभी सोच भी नहीं पा रही है. तनाव और बढ़ने पर इनके सामने आने और इनसे होने वाली तबाही को देखा जा सकेगा. आपको बता दें कि इजरायल का आयरन डोम काफी कारगर डिफेंस हथियार है.
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि इजरायल के पास काफी उन्नत किस्म के हथियार, तोप, टैंक, फाइटर प्लेन, वॉरशिप आदि हैं.
अमेरिका की ओर से भी इजरायल को हथियारों से पूरी मदद की जाती है.
इजरायल की 8200 यूनिट को इस प्रकार के काम के लिए बनाया गया है और यह यूनिट काफी काबिल मानी जाती है. लेकिन अक्तूबर 7 के हमले को समय पर पकड़ पाने में इजरायल नाकाम रहा यह भी भूलना नहीं चाहिए.