मंकीपॉक्स की वजह से काम ठप, अब रोजी-रोटी का संकट, अफ्रीका की सेक्स वर्कर्स का दर्द
अफ्रीकी देश कांगो मंकीपोक्स वायरस ( Africa Monkeypox Virus) से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस बीमारी के बाद यहां के सेक्स वर्कर्स के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) भले ही मंकीपॉक्स से ठीक हो चुकी हो, लेकिन फिर से ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करना उसके लिए बड़ी चुनौती बन गया है. डर की वजह से लोग अब उससे दूर भाग रहे हैं. ऐसे में सेक्स वर्कर के तौर पर काम करने वाली सिफा कंगुजा के सामने रोजी का संकट खड़ा हो गया है.
‘काम नहीं, पैसे कैसे कमाऊं’
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सेक्स वर्कर सिफा की उम्र 40 साल है. उसको मंकीपॉक्स से सही हुए 4 महीने बीत चुके हैं, लेकिन फिर भी ग्राहक उसके पास आने से कतराते हैं. सिफा का कहना है, ” यह काम जोखिम भरा है. लेकिन अगर मैं काम नहीं करूंगी तो मैं अपने बच्चों के लिए पैसे कहां से लाऊंगी.”
सिफा फभी उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने मंकीपॉक्स का दर्द झेला है. कामितुगा में जब यह वायरल फैला तो कई सिंगल मदर्स गरीबी की वजह से खनिज-समृद्ध इलाकों में चली गईं, जहां पर ग्राहकों की संभावना ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, यहां पर 80% मंकीपॉक्स संक्रमण सेक्सुअली कॉन्ट्रैक्ट की वजह से फैला है. हालांकि यह वायरस दूसरी वजहों स्किन टू स्किन कैन्टैक्ट से भी फैलता है.
सेक्स वर्कर्स के सामने रोजी-रोटी का संकट
सेक्स वर्कर्स का कहना है कि वायरस ने उनकी हेल्थ के साथ ही उनकी कमाई के साधन को भी खतरे में डाल दिया है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वायरस बढ़वने से रोकने के लिए सेक्स वर्कर्स को और ज्यादा कोशिश की जरूरत है.वरना ये पूर्वी कांगो और दूसरी जगहों में भी फैल जाएगा.
मंकीपॉक्स के लक्षण
- मंकीपॉक्स की वजह से बुखार शरीर में दर्द जैसे ज्यादातर हल्के लक्षण होते हैं.
- लेकिन गंभीर मामलों में चेहरे, हाथ, छाती और जननांगों पर खास तौर पर दर्दनाक छाले पड़ सकते हैं.
संक्रमण फैलने का जोखिम, डर के साये में सेक्स वर्कर्स
हालांकि सिफा और अन्य सेक्स वर्कस का कहना है कि फिर से संक्रमण या वायरस फैलने के जोखिम के बाद भी उनके पास काम करते रहने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. बता दें कि कांगो में सेक्स वर्क अवैध नहीं है. राइट ग्रुप्स का कहना है कि संभावित कानूनी परिणाम और बदले के डर से सेक्स वर्क्स रेप और दुर्व्यवहार समेत हिंसा के जोखिम में हैं. इसकी वजह से महिलाएं मेडिकल देखभाल से बच रही हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के दौरान यह खासतौर पर नुकसानदेह साबित हो सकता है.
मुआवजे की मांग बेअसर
कामितुगा में स्वास्थ्य अधिकारी सरकार से मांग कर रहे हैं कि नाइट क्लबों और खदानों को बंद कर दिया जाए और सेक्स वर्कर्स को उनका बिजनेस ठप होने के एवेज में मुआवजा दिया जाए. हालांकि उनसे हर कोई सहमत नहीं है.स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उनके पास बीमार लोगों की देखभाल के अलावा कुछ और करने के लिए संसाधन नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खुद की सुरक्षा करना यौनकर्मियों की जिम्मेदारी है.