HIBOX ऐप से निवेश के नाम पर 500 करोड़ की ठगी, पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने HIBOX ऐप्लिकेशन स्कैम के मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने ऐप का रजिस्ट्रेशन कराया था और पेमेंट गेटवेज का मालिक भी था. इस ऐप के जरिए गारंटीड रिटर्न देने का वादा किया गया था और ऐप में निवेश के बहाने लोगों से बड़ पैमाने पर ठगी की जा रही थी. IFSO यूनिट “HIBOX” से जुड़े दो मामलों की जांच कर रही है.
अब तक कुल 151 शिकायतें मामले में एक साथ जोड़ी गई हैं. साथ ही इसके मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके बैंक में 4 अकाउंट हैं. इन अकाउंट में 18 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. वहीं अब तक हाईबॉक्स ऐप्लिकेशन से लगभग 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है. इस मामले में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स और यूट्यूबर्स को भी नोटिस जारी किया गया है. साथ ही मामले में EASEBUZZ” और “PHONEPE” की भूमिका की जांच जारी है.
HIBOX मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से 30,000 से अधिक लोगों को ठगा गया है. इस धोखाधड़ी में निवेशकों को 1% से 5% तक की दैनिक ब्याज दर के झूठे आश्वासन देकर उच्च रिटर्न का वादा किया गया था. कई पीड़ितों को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स द्वारा इस ऐप में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था.
क्या है मामला?
16 अगस्त 2024 को IFSO यूनिट, स्पेशल सेल को 29 पीड़ितों की शिकायतें मिली, जिन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें HIBOX ऐप्लिकेशन में 1% से 5% दैनिक और 30% से 90% मासिक गारंटीड रिटर्न का वादा कर निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया था. इसके अलावा, आरोप लगाया गया कि कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स जैसे सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, फुकरा इंसान, पुरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया, लक्षय चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत ने HIBOX ऐप्लिकेशन को प्रमोट किया और निवेशकों को निवेश के लिए प्रेरित किया.
इसके बाद, 20 अगस्त 2024 को थाना स्पेशल सेल में मामला दर्ज किया गया. जांच के दौरान यह सामने आया कि HIBOX के खिलाफ साइबर उत्तर-पूर्व जिले में एक मामला एफआईआर नंबर 47/2024 भी दर्ज था, जिसमें 9 पीड़ितों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी की गई थी. यह मामला भी IFSO को स्थानांतरित कर दिया गया. जांच के दौरान, उत्तर-पूर्व जिले की 30, शाहदरा जिले की 24 और बाहरी जिले की 35 शिकायतें भी शामिल की गईं. NCRP पोर्टल पर इसी तरह की धोखाधड़ी के 488 और मामले भी लिंक किए गए हैं.
ऑपरेशन और गिरफ्तारी
अपराध की गंभीरता और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका को देखते हुए, IFSO यूनिट के एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया. टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया. जांच के दौरान पता चला कि EASEBUZZ और PhonePe के भुगतान गेटवे का उपयोग करके धोखाधड़ी की राशि को अन्य एकाउंट्स तक पहुंचाया गया. इन लेनदेन के विश्लेषण से चार खाते पहचाने गए, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी की राशि को निकालने के लिए किया गया था. तकनीकी विश्लेषण और निगरानी के आधार पर, आरोपी जे. शिवराम को गिरफ्तार किया गया. बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि 18 करोड़ रुपये इन खातों में स्थानांतरित किए गए थे.
आरोपी की भूमिका
पीड़ितों की राशि (18 करोड़ रुपये) आरोपी जे. शिवराम द्वारा संचालित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार खातों में जमा की गई थी. आरोपी ने चेन्नई, तमिलनाडु के न्यू वॉशरमेनपेट में स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था.
HIBOX एप्लिकेशन क्या है?
HIBOX एक मोबाइल ऐप्लिकेशन है जो एक योजनाबद्ध धोखाधड़ी का हिस्सा था. इस ऐप के माध्यम से, ‘HIBOX’ ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स की मदद से मासूम लोगों को बहकाया और उन्हें मंच पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया. आरोपी व्यक्तियों ने निवेशकों को 1% से 5% की दैनिक गारंटीड रिटर्न का वादा करके उन्हें आकर्षित किया, जो 30% से 90% मासिक हो जाता था. परिणामस्वरूप, 30,000 से अधिक लोगों ने HIBOX ऐप में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश किया. हालांकि, अब यह प्लेटफ़ॉर्म निवेशकों को धन वापस करने में विफल हो गया है और आरोपियों ने नोएडा (उ.प्र.) में अपने कार्यालय को बंद कर दिया है.
गिरफ्तार व्यक्ति और जब्तियां
• जे. शिवराम, निवासी न्यू वॉशरमेनपेट, चेन्नई, तमिलनाडु, उम्र 30 वर्ष.
• 04 खातों में 18 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.
इन यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स को भेजा गया नोटिस
यूट्यूबर्स/सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स अभिषेक मल्हान @ फुकरा इंसान, एल्विश यादव, लक्षय चौधरी, और पुरव झा, कॉमेडियन भारती सिंह को समन किया गया है. वहीं रिया चक्रवर्ती को भी मामले के संबंध में जल्द समन भेजा जा सकता है.