UP में होटल-ढाबों के बाद अब बैंड- बाजों के नाम पर आपत्ति, जानें क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में होटल-ढाबों पर नेम प्लेट के बाद अब बैंड- बाजों की दुकानों (UP Band Baaja Shop Name) के नाम पर भी आपत्ति सामने आई है. यूपी सरकार की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी (UP Minister Gulab Devi) ने आपत्ति जताते हुए कहा कि संभल के… चंदौसी में बैंड बाजों के नाम मंगलम, अशोक, गीता और सरोज रखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति जो काम करता है, वह नाम भी अपने ही नाम से रखे. उन लोगों को अपने नाम पर कमज़ोरी और आत्मग्लानि क्यों महसूस होती है, जबकि नहीं होनी चाहिए.
इन्हें अपने धर्म, मज़हब और नाम पर विश्वास नहीं?
गुलाब देवी ने वर्ग विशेष पर निशाना साधते हुए कहा इन्हें अपने धर्म, मज़हब और नाम पर विश्वास नहीं है. इन लोगों को इस तरह से दूसरों के नामों का सहारा नहीं लेना चाहिए. सबको अपनी जाति के आधार पर नाम रखने चाहिए, जिससे समाज में भ्रम पैदा न हो.
यूपी सरकार की शिक्षा मंत्री ने बैंड-बाजों की दुकान पर सही नाम न लिखे जाने पर भी आपत्ति जाहिर की है. उनका कहना है कि दुकानदारों को अपना असली नाम लिखना चाहिए. गुलाब देवी का कहना है कि ये समुदाय अपना बिजनेस चलाने के लिए हिंदू नामों का सहारा क्यों ले रहा है.क्या इनको खुद पर विश्वास नहीं है.
दूसरे धर्म के नामों का सहारा क्यों?
शिक्षा मंत्री ने ये बात बुधवार को चंदौसी में आयोजित ए कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि बिजनेस चलाने के लिए दूसरे धर्म के नाम का सहारा लेना गलत है. किसी भी जाति या धर्म के लोगों को अपने धर्म और जाति के हिसाब से ही दुकानों का नाम रखना चाहिए, जिससे समाज में भ्रम पैदा न हो.
गुलाब देवी ने अपने विधानसभा क्षेत्र चंदौसी का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पर बहुत बैंड-बाजा वाले हिंदू नामों से काम कर रहे हैं, जो कि गलत है. जिसको जो भी काम करना है वह अपने नाम से करे. शिक्षा मंत्री ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके बारे में क्या ही कहें, वह तो सिर्फ एक वर्ग विषेश को लेकर चलते हैं. उनको खुश करने के लिए सपा वह भी कह देती है, जो उसे नहीं कहना चाहिए.
UP में होटल-ढाबों पर नेम प्लेट लगाना अनिवार्य
मंत्री की ये आपत्ति होटल-ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश के बाद सामने आई है. उत्तर प्रदेश में होटल-ढाबों पर अब नेम प्लेट लगाना अनिवार्य हो गया है. खाने-पीने की चीजों में गंदगी मिलाए जाने के बाद योगी सरकार ने ये सख्त आदेश जारी किया है. अब दुकानदारों को खाने-पीने की चीजों की दुकानों पर अना नाम लिखना होगा. गाजियाबाद में एक दुकान में जूस में पेशाब मिलाए जाने की खबर के बाद से योगी सरकार सख्त हो गई है. सावन के महीने में भी कावड़ रूट पर दुकानों पर इसी तरह से नाम खिलने का आदेश जारी किया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.