चीन ने बनाया दुनिया का पहला AI हॉस्पिटल, रोबोटिक एआई डॉक्टर करेंगे मरीजों का वर्चुअल इलाज
AI-powered Hospital: चीन ने हाल ही में दुनिया का पहला एआई-बेस्ड हॉस्पिटल बनाया है, जहां मरीजों का इलाज रोबोट द्वारा किया जाएगा. इस हॉस्पिटल का नाम ‘एजेंट हॉस्पिटल’ रखा गया है. यह हेल्थ केयर फील्ड में एक क्रांतिकारी कदम है, जो आधुनिक तकनीक और चिकित्सा के संगम से संभव हो सका है. इसे शिंघुआ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने तैयार किया है. इस हॉस्पिटल का उद्देश्य मेडिकल प्रोसेस को ज्यादा कुशल और तेज बनाना है, साथ ही डॉक्टरों के बोझ को कम करना और मरीजों को हाई क्वालिटी केयर प्रदान करना है. इस हॉस्पिटल में 14 एआई डॉक्टर्स और 4 नर्स हैं.
चीन के एआई हॉस्पिटल की खासियत:
यह एआई हॉस्पिटल चीन के एक प्रमुख शहर में स्थापित किया गया है और इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है. अस्पताल में रोबोट डॉक्टर, नर्स और फार्मासिस्ट के रूप में काम करेंगे. यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की मदद से जटिल मेडिकल प्रक्रियाओं को सरल और सटीक बनाया जाएगा. इस एआई-बेस्ड सिस्टम को मरीजों के डायग्नोस, इलाज और देखभाल में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है. हॉस्पिटल में काम करने वाले एआई डॉक्टर्स रोजाना 3 हजार से ज्यादा मरीजों का वर्चुअल इलाज करने में सक्षम हैं. इन डॉक्टर्स को बीमारियां पहचानने, उनका ट्रीटमेंट प्लान बनाने और नर्स को मरीजों का रोजाना सपोर्ट करने के मकसद से डिजाइन किया गया है.
एआई और रोबोट्स का रोल:
इस अस्पताल में कई प्रकार के रोबोट काम करेंगे. कुछ रोबोट मरीजों की शारीरिक जांच करेंगे, जबकि कुछ सर्जरी जैसी जटिल प्रक्रियाओं में मदद करेंगे. एआई की मदद से ये रोबोट मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री, रिपोर्ट और अन्य जानकारियों का विश्लेषण करेंगे और डॉक्टरों को सही इलाज के बारे में सिफारिश देंगे. इसके अलावा, एआई सिस्टम डेटा का उपयोग करके खुद से सीखते हैं और हर बार ज्यादा सटीकता के साथ निदान कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: दूध के साथ इलायची मिलाकर पीना अमृत के समान! इन रोगों से मिलता है छुटकारा? कई समस्याओं को दूर करने में मददगार
इलाज को प्रभावी और सुलभ बनाएगा ये नया मॉडल:
चीन में एआई हॉस्पिटल की स्थापना मेडिकल फील्ड में एक नए युग की शुरुआत है. यह न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे आने वाले समय में हेल्थ सर्विसेज में बदलाव आएगा. हालांकि इस नई तकनीक से कई सवाल खड़े हो सकते हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से मरीजों के इलाज को और ज्यादा प्रभावी और सुलभ बनाएगा. इस तरह की पहल आने वाले दशकों में ग्लोबल हेल्थ सर्विसेज के लिए एक आइडियल मॉडल बन सकती है.