परिवारवाद, आतंकवाद और विदेशी ताकतें… डोडा रैली में पीएम मोदी की 10 बड़ी बातें
- नया जम्मू-कश्मीर (PM Modi In Jammu-Kashmir) विकास की नई गाथा लिख रहा है. डोडा में उमड़ा ये जनसमूह साफ बता रहा है कि लोकतंत्र यहां के लोगों की रगों में है.बीजेपी को आशीर्वाद देने आए सभी परिवारजनों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम.
- जम्मू-कश्मीर में आ रहा बदलाव हमारी सरकार की 10 साल की कोशिशों का नतीजा है. आप सब यहां डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे हैं. यहां आने के लिए आपने घंटो सफर किया है, इसके बावजूद आपके चेहरे पर थकान का नामोनिशान नहीं है और चारों तरफ जोश ही जोश है.’
- राजनीति में परिवारवाद ने जम्मू-कश्मीर को खोखला किया है. जिन राजनीतिक दलों पर आप लोगों ने भरोसा किया, उन्होंने आपके बच्चों की चिंता नहीं की. इन दलों ने सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया. ये लड़ाई नए नेतृत्व और कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वंशवाद के बीच की है.
- इस बार का विधानसभा चुनाव तीन खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है. एक खानदान कांग्रेस का, दूसरा खानदान नेशनल कॉन्फ्रेंस और तीसरा खानदान पीडीपी का है. जम्मू-कश्मीर में इन तीन खानदानों ने मिलकर आप लोगों के साथ जो किया, वो किसी पाप से कम नहीं है.
- जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करने के लिए तीन खानदान जिम्मेदार हैं. तीनों खानदानों ने इस जगह को जमकर लूटा.यह चुनाव जम्मू-कश्मीर का भाग्य तय करने वाला है.
- बीते सालों में जम्मू कश्मीर में विकास का नया दौर आया है. इसका क्रेडिट यहां के नौजवानों को ही जाता है. मैं जम्मू कश्मीर के युवा,बेटी हो या बेटा हो, उनके जोश और जज्बे को सैल्यूट करता हूं.
- यहां जिन राजनीतिक दलों पर आपने भरोसा किया, उन्होंने आपके बच्चों की चिंता नहीं की. उन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों को आगे बढ़ाया. जम्मू-कश्मीर के मेरे नौजवान आतंकवाद में पिसते रहे और परिवारवाद को आगे बढ़ाने वाली पार्टियां आपको गुमराह करके मौज काटती रही. इन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में नए नेतृत्व को कहीं भी, कभी भी उभरने ही नहीं दिया.
- जम्मू-कश्मीर में 2000 के बाद पंचायत के चुनाव नहीं हुए, यहां BDC के चुनाव कभी भी नहीं हुए. दशकों तक परिवारवाद ने यहां के बच्चों और होनहार नौजवानों को आगे नहीं आने दिया. 2014 में सरकार में आने के बाद मैंने जम्मू-कश्मीर में नौजवानों की नई लीडरशिप को आगे लाने का प्रयास किया है.
- 2018 में जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव कराए गए, 2019 में BDC के चुनाव हुए और 2020 में पहली बार DDC के चुनाव कराए गए. ये चुनाव इसलिए कराए गए ताकि जम्मू-कश्मीर में डेमोक्रेसी ग्रासरूट तक पहुंचे.
- आजादी के बाद से ही हमारा प्यारा जम्मू-कश्मीर विदेशी ताकतों के निशाने पर आ गया. इसके बाद इस खूबसूरत राज्य को परिवारवाद ने खोखला करना शुरू कर दिया. हम और आप मिलकर एक समृद्ध और सुरक्षित जम्मू-कश्मीर का निर्माण करेंगे.इस बार जम्मू-कश्मीर का चुनाव यहां का भाग्य तय करेगा.