वक्फ बिल (Waqf Bill) पर संयुक्त समिति की बैठकों में तीखी नोंक झोंक देखने को मिल रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों के साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और बीजेपी समेत सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच कहा सुनी की नौबत आ जाती है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने वीडियो शेयर कर बड़ा आरोप लगया है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने X पर एक पोस्ट के ज़रिए एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो को शेयर करते हुए दुबे ने एक बड़ा कमेंट भी लिखा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक संसद की संयुक्त समिति के पास विचाराधीन है. मैं ख़ुद इसका सदस्य हूं, यह वीडियो देखकर मन विचलित है. पूरे बिल को कम से कम 100 बार पढ़ चुका हूं.
बीजेपी सांसद ने लिखा कि इस बिल की कौन सी धारा में मस्जिद, क़ब्रिस्तान, दरगाह और मदरसा पर सरकार क़ब्ज़ा करने का क़ानून ला रही है? झूठ की बुनियाद, वोट बैंक की राजनीति व मोदी विरोध की आंधी राजनीति ने देश के एक वर्ग विशेष के मन में लगातार नफ़रत पैदा करने की कोशिश की है.
वीडियो में मुस्लिम समुदाय से आने वाले कुछ लोग लाउडस्पीकर के ज़रिए किसी मुस्लिम इलाके में लोगों से वक्फ बिल का विरोध करने और बिल की समीक्षा कर रही संसद की संयुक्त कमेटी को ऑनलाइन ज्ञापन देने की अपील करते हुए दिखाई दे रहे हैं. निशिकांत दुबे खुद इस संयुक्त समिति के सदस्य हैं जिसके अध्यक्ष बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल हैं. हालांकि वीडियो कब का और कहां का है. इसके बारे में निशिकांत दुबे ने नहीं बताया है.
दरअसल जब से वक्फ बिल संसद में पेश हुआ है. कई मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. गहराई से समीक्षा के लिए बिल को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है जिसे शीतकालीन सत्र के पहले हफ़्ते में अपनी रिपोर्ट देनी है. समिति ने 30 अगस्त को एक विज्ञापन देकर 15 दिनों के अंदर लोगों से इस बिल पर राय मांगी है. जिसकी मियाद 13 सितंबर को ख़त्म हो जाएगी. समिति ने लोगों को ऑनलाइन माध्यम के साथ साथ ऑफलाइन माध्यम से भी अपनी राय देने का विकल्प दिया है.
चलाया जा रहा है कैंपेन
जब से समिति ने लोगों से उनकी राय मांगी है तब से मुस्लिम संगठन बिल का विरोध करने के लिए कई कैंपेन चला रहे हैं . निशिकांत दुबे की ओर से शेयर किया गया वीडियो इसी का एक उदाहरण है. वहीं व्हाट्सएप के ज़रिए भी लोगों से बिल का विरोध करते हुए समिति को ऑनलाइन ज्ञापन देने के लिए कहा जा रहा है . इस संवाददाता के पास भी ऐसा ही एक व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त हुआ है. इसके अलावा लगातार सेमिनार और कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया जा रहा है.
बड़ी संख्या में लोगों से राय ले रही है समिति
सूत्रों के मुताबिक 30 अगस्त से 7 सितम्बर तक कमिटी को 13.5 लाख से भी ज्यादा ऑनलाइन ज्ञापन मिल चुका है. इनमें 9.26 लाख ज्ञापन बिल के विरोध में जबकि 4.28 लाख ज्ञापन बिल का समर्थन करते हुए दिया गया है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि कई मुस्लिम संगठनों ने भी बिल का समर्थन किया है. उधर समिति इस मसले पर व्यापक विचार विमर्श कर रही है और सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसका दायरा और बढ़ाया जाएगा. कमिटी की अबतक 5 बैठक हो चुकी है जिसमें अलग-अलग मुस्लिम संगठनों और राज्य वक्फ बोर्डों के अलावा रेल, रक्षा और शहरी विकास जैसे सरकारी विभागों के प्रतिनिधि भी कमिटी के सामने अपनी राय रख चुके हैं.
18,19 और 20 सितंबर को होगी जेपीसी की अगली बैठक
कमिटी की अगली बैठक 18,19 और 20 सितंबर को होगी जिसमें बिल का जबर्दस्त विरोध कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधियों को अपनी राय रखने के लिए बुलाए जाने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि समिति जल्द ही देश के अलग अलग इलाकों का दौरा भी कर सकती है हालांकि इसपर अभी अंतिम फ़ैसला नहीं हुआ है. खुद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल समिति की बैठकों से अलग अपने आवास पर भी कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात कर चुके हैं और ये सिलसिला जारी है.
हिंदू संगठनों को भी बुलाया जाएगा
समिति को हिंदू संगठनों की तरफ़ से भी ज्ञापन मिल रहे हैं . इसी सिलसिले में पिछले शनिवार को जगदंबिका पाल ने सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन से भी मुलाक़ात की . जैन जाने माने वकील हैं और , काशी और मथुरा में मंदिर को लेकर कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं . जैन भी जल्द ही समिति के सामने पेश होकर वक्फ बिल पर अपना पक्ष रखेंगे. इसके अलावा कई अन्य हिंदू संगठनों ने भी समिति के सामने पेश होने की इच्छा जताई है और उन्हें आने वाली बैठकों में बुलाया जाएगा. अनुराग ढांढा कलायत से, विकास नेहरा महम से, बिजेंद्र हुडा रोहतक से उम्मीदवार बनाए गए हैं.
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